राष्ट्रव्यापी हड़ताल से सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित

Last Updated 15 Mar 2021 06:47:37 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ।


राष्ट्रव्यापी हड़ताल से सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित

हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ।

नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियन का दावा है कि 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल होंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सरकार की विनिवेश योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसका परिणाम राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों में भी दिखेगा।

उन्होंने कहा कि कुछ शीर्ष स्तर के कर्मचारियों को छोड़कर बैंकों के सभी कर्मचारी इस दो दिन की हड़ताल में शामिल हुए हैं।

दत्ता ने कहा कि हड़ताल से नकदी निकासी, जमा, लेनदेन, ऋण प्रक्रिया, चेक समाशोधन जैसी सभी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों ने देशभर में जहां अनुमति मिली वहां रैलियां निकाली। इसके अलावा वे धरने पर बैठे। दत्ता ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बातों को नहीं सुना, तो हम और बड़ा कदम भी उठा सकते हैं। यह कदम किसान आंदोलन की तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल का हो सकता है।

दत्ता ने कहा कि हम अपनी शाखाओं के जरिये करोड़ों लोगों से जुड़े हैं। हम लोगों को सरकार की गलत नीतियों से अवगत करा रहे हैं कि कैसे वे इनसे प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग के जरिये बैंक यूनियनों ने वित्त मंत्री से कहा है कि वह संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण के बारे में अपने बयान को वापस लें।

एक बैंक अधिकारी ने कहा कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्केल के 100 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उन्हें सहायक प्रबंधक, प्रबंधक या वरिष्ठ प्रबंधक कहते हैं। इस स्तर पर के 100 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। 80 से 90 प्रतिशत बैंक शाखाओं के प्रमुख यही अधिकारी हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि मुख्य प्रबंधक या सहायक महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों की अगुवाई वाली बड़ी शाखाओं की संख्या 20 प्रतिशत है। यदि ये वरिष्ठ अधिकारी इस हड़ताल में शामिल नहीं भी हैं, तो भी वे अकेले शाखा का संचालन नहीं कर सकते हैं।

इस बीच, निजी क्षेत्र के बैंकों. आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंकों की शाखाओं में सामान्य कामकाज हुआ। सरकार पहले ही आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। 2019 में आईडीबीआई की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई थी। पिछले चार साल के दौरान सरकार ने 14 सार्वजनिक बैंकों का किसी अन्य सरकारी बैंक के साथ विलय किया है।

ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल से शाखा स्तर पर बैंिकग सेवाएं प्रभावित हुईं।

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment