टीम नड्डा में फेरबदल
भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले आम चुनाव के मद़्देनजर अपनी टीम में बदलाव किया है।
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हालांकि बदलाव से ज्यादा इसे मामूली फेरबदल कहना ठीक होगा क्योंकि नई टीम में मात्र दो उपाध्यक्ष बदले गए हैं, और 10 सचिवों को फिर मौका दिया गया है यानी तेरह उपाध्यक्षों में से केवल दो को बदलते हुए नड्डा ने ग्यारह को बरकरार रखा है। इसी प्रकार 13 सचिवों में सिर्फ तीन को बदला है, और 10 को फिर मौका दिया गया है।
दो मुस्लिमों-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी तारिक मंसूर और अब्दुल्ला कुट्टी-को उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के पुत्र और कांग्रेस से आए अनिल एंटनी को सचिव पद पर लाया गया है जो ईसाई समुदाय से हैं। इस बदलाव से साफ है कि भाजपा की नजर मुस्लिमों खासकर पसमांदा मुस्लिमों को चुनाव में लामबंद करने की है। पसमांदा मुस्लिमों के लिए पार्टी यात्रा भी निकाल चुकी है। मंसूर और कुट्टी पसमांदा मुस्लिम समाज से आते हैं।
चुनाव निकट होने के कारण माना जा रहा था कि नड्डा कभी भी अपनी टीम में बदलाव कर सकते हैं। दरअसल, भाजपा तय कर चुकी थी कि लोक सभा चुनाव नड्डा के नेतृत्व में लड़ेगी। इसलिए बीते जनवरी माह में नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया गया ताकि लोक सभा चुनाव के दौरान वे पार्टी की कमान संभाल सकें। अब उन्होंने अपनी टीम में जो बदलाव किया है, उसमें पार्टी की रणनीति दिख रही है। महिलाओं, पसमांदा मुस्लिम, केरल, असम, छत्तीसगढ़ को मिली तवज्जो चुनाव के मद्नेनजर ही है।
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह और झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास को टीम में लिया जाना बताता है कि पार्टी चुनाव में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। इसलिए नई टीम में 8 लोग यूपी से लिए गए हैं, और 9 महिलाओं को भी शामिल किया गया है। यूपी से राज्य सभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर को टीम में शामिल किया है, वे गुर्जर समाज से आते हैं, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुर्जर बहुल क्षेत्रों में पार्टी उनकी उपयोगी भूमिका देख रही है।
कामकाजी प्रदर्शन पर भी ध्यान दिया गया है। कर्नाटक में भाजपा की हार के कारण सीटी रवि की छुट्टी कर दी गई। हालांकि रवि कुछ दिनों पहले तक पार्टी की अगली पीढ़ी के अहम चेहरे माने जाते थे। कुल मिलाकर, टीम नड्डा में अनुभवी और युवा चेहरों को तरजीह मिली है।
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