आधा न्याय है एनकाउंटर

Last Updated 15 Apr 2023 12:27:49 PM IST

उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के मुख्य अभियुक्त व माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद अहमद (Asad Ahmed) और उसके साथी गुलाम मोहम्मद (Gulam Mohammed) को पुलिस ने एनकाउंटर (Encounter) में झांसी के करीब मार गिराया।


आधा न्याय है एनकाउंटर

उन्नीस साल का असद अपने पांच भाइयों में तीसरे नंबर का था। दोनों बड़े भाई हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा और  रंगदारी के संगीन आरोपों में जेल में हैं, जबकि छोटे भाई बाल सुधार गृह में रखे गए हैं। पांच लाख रुपये का इनामी असद उमेश पाल और उनके दो गनर की हत्या के मामले में फरार था। शूटर गुलाम का भाई तो पहले ही कह चुका था कि परिवार का उससे कोई संबंध नहीं है। करीब अड़तालिस दिनों से उप्र स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उसकी तलाश में थी और उसे जीवित ही पकड़ना चाहती थी।

पुलिस के अनुसार, अभियुक्त कच्चे रास्ते में मोटरसाइकिल उतार कर भागे और टीम पर फायर किए। कुनबे के आपराधिक रिकार्ड के कारण उसका पासपोर्ट क्लियर ना होने पर पढ़ने में जहीन रहा असद विदेश से लॉ करने में कामयाब नहीं हो पाया। हालांकि घरेलू माहौल के कारण वह बचपन से ही गुस्सैल प्रवृत्ति का बताया जाता था। स्पोर्टस के दौरान हुई हार के बाद अपने टीचर को पीटने का वाक्या काफी मशहूर है। हकीकत है कि बाल मन पर परिवार खासकर पिता की गहरी छाप होती है।

बाप-बेटे का एक वीडियो काफी समय में वायरल हो रहा है, जिसमें दस वर्ष के असद को अतीक फायरिंग कराते हुए प्रोत्साहित कर रहा है-चलाओ गोली। इस एनकाउंटर पर विशिष्ट के साथ आमजन की भी कड़ी नजर है। घटना पर विपक्ष ने जांच की मांग की तो माफिया और गुंडागर्दी से त्रस्त लोगों ने सुकून की सांस ली है। पूर्व में पुलिस द्वारा किए जा रहे फेंक एनकाउंटरों का खुलासा होने के बाद से कोर्ट द्वारा नियम काफी सख्त किए जा चुके हैं।

वाहवाही के लिए, पुरस्कारों और पदोन्नति के लोभ में खूब एनकाउंटर किए जाते हैं। जाहिर है, इस एनकाउंटर की भी गहनता से जांच होगी। मानवाधिकारवादी और न्यायप्रिय लोग अपराधियों के अधिकारों को लेकर हमेशा सचेत रहते हैं क्योंकि न्याय करना पुलिस का काम नहीं है। वास्तव में, न्याय का तकाजा है कि खतरनाक से खतरनाक अपराधी को भी सुधार का अवसर अवश्य दिया जाना चाहिए। अपराधियों से मुक्ति तभी संभव है, जब अपराध थम जाएं।  ऐसी कार्रवाइयों से जनता में भले त्वरित प्रतिक्रिया हो, शासन भी फीलगुड करे, मगर असली न्याय तो अपराध में कमी होना है।

समयलाइव डेस्क


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment