टूट गया सपना

Last Updated 25 Feb 2023 01:13:40 PM IST

भारतीय महिला क्रिकेट टीम का विश्व कप खिताब जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया।


टूट गया सपना

भारतीय टीम को टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों महज पांच रन से हार का सामना करना पड़ा। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम को जीत के द्वार तक तो पहुंचा दिया पर उस द्वार को पार करने में एक बार असफल हो गई। कुछ महीनों पहले बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में भी भारतीय टीम को कुछ इसी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

उस समय भारत को छह ओवरों में जीत के लिए 50 रन बनाने थे और आठ खिलाड़ी आउट होने बाकी थे पर भारतीय टीम 32 रन ही जोड़ सकी और स्वर्ण पदक जीतने से वंचित हो गई। हर बार की तरह भारतीय टीम के हारने के बावजूद लड़ने के अंदाज की तारीफ की जा रही  है। पर इस तारीफ से विश्व कप खिताब को नहीं जीता जा सकता है।

हम तमाम बार सपना साकार करने के करीब पहुंचकर भी उसे क्यों नहीं पूरा कर पा रहे हैं, इस बारे में बीसीसीआई, टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों को सोचने की जरूरत है। वैसे देखा जाए तो टीम में कोई खास कमी नहीं है। कमी है तो बस खिलाड़ियों के मानसिक कमजोरी की। ऐसा करने से हमारी क्रिकेटरों को महत्त्वपूर्ण मौकों पर अपनी धड़कनों को काबू रखना आएगा, जो कि सपना साकार करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

इसके अलावा कैच को पकड़ने और फील्डिंग में सुधार की भी जरूरत है। मौजूदा दौर में विकेट के बीच दौड़ की अहमियत है। इस कमजोरी की वजह से ही भारत ने भाटिया और कप्तान हरमनप्रीत के विकेट खोए और मैच भी। हम सभी जानते हैं कि किसी भी टीम को तैयार करने में कोच की भूमिका अहम होती है। पर भारतीय महिला क्रिकेट में जिस तरह कोच का आना जाना लगा रहता है, उससे टीम की तैयारियों को सही दिशा नहीं मिल पाती है।

पुरुष टीम की तरह महिला टीम को भी लंबी अवधि के लिए कोच मिले तो टीम बेहतर तैयारी कर सकती है। यह जरूर है कि देश में चार मार्च से पहली बार महिला क्रिकेट लीग की शुरुआत हा रही है और इसमें खेलकर हमारी युवा खिलाड़ियों के स्तर में जरूर सुधार आएगा और बहुत संभव है कि इसके बाद हमारी टीम विश्व कप जीतने के सपने को साकार कर सके।



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