सरकार अब ओटीटी पर
सरकार को लगता है जनता से उसका पर्याप्त संवाद नहीं हो रहा। अभी तक तो इस संवाद का जरिया रेडियो और टेलीविजन ही रहे हैं, लेकिन सरकार को लगता है उसकी बात प्रभावी ढंग से उस प्रकार लोगों तक नहीं पहुंच रही जैसा कि वह चाहती है।
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इसी अभाव को दूर करने के लिए उसकी योजना इसी साल एफएम रेडियो स्टेशनों की नए सिरे से नीलामी, ओटीटी प्लेटफॉर्म शुरू करने और ‘डायरेक्ट-टू-मोबाइल’ टेलीविजन प्रसारण के परीक्षण की है। योजना महत्त्वाकांक्षी और व्यापक प्रभाव वाली है। इसके बाद टियर 2 और टियर 3 शहरों तक एफएम रेडियो की पहुंच हो जाएगी। वाम उग्रवाद वाले, सीमावर्ती और रणनीतिक क्षेत्रों सहित विभिन्न जगहों तक प्रसार भारती की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए सरकार ने प्रसारण आधारभूत रचना एवं नेटवर्क विकास (बीआईएनडी) योजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
इससे सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारण को बढ़ावा मिलेगा और आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित प्रसार भारती के बुनियादी ढांचे का विकास होगा। कर्तव्य पथ और आस-पास के क्षेत्रों में ट्रांसमीटर स्थापित किए जा रहे हैं ताकि टेलीविजन सिग्नल सीधे मोबाइल फोन पर प्रसारित हो सकें। इस काम में आईआईटी-कानपुर और सांख्य लैब्स का सहयोग लिया जा रहा है। सीधे मोबाइल तक टेलीविजन सिग्नल भेज पाना बड़ी उपलब्धि होगी। टेलीविजन सिग्नल प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल में एक विशेष डोंगल लगाना होगा।
मोबाइल निर्माता यदि फोन उपकरणों में एक विशेष चिप लगाने के लिए प्रोत्साहित हुए तो बिना डोंगल के भी टेलीविजन सिग्नल प्राप्त किए जा सकें। प्रसार भारती सामग्री के पास अनगिनत घंटों की अत्यंत दुर्लभ रिकार्डिग है, जिसके लिए एक ओटीटी मंच की जरूरत महसूस की जा रही है।
डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) प्रौद्योगिकी से बिना सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन के वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को सीधे मोबाइल पर प्रसारित किया जा सकेगा। यह उसी तरह होगा जैसे एफएम रेडियो मोबाइल पर काम करता है। इस सारी कवायद को 2024 के चुनावों की तैयारी भी कहा जा सकता है। लोगों को मनोरंजन के साथ सरकार के संदेश भी मिलेंगे।
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