संदेहमुक्त नहीं है बीबीसी

Last Updated 16 Feb 2023 01:37:05 PM IST

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन यानी बीबीसी एक बार पुन: सुर्खियों में है।


संदेहमुक्त नहीं है बीबीसी

इसने कुछ समय पहले ‘इंडिया, द मोदी क्वेश्चन’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री जारी करके भारत के राजनीतिक वातावरण और मीडिया में खासा उबाल पैदा कर दिया था। भारत की न्यायिक संस्थाओं द्वारा मोदी को दोषमुक्त कर दिये जाने के बावजूद इस डॉक्यूमेंट्री ने गुजरात दंगों के लिए उन्हें एक बार पुन: कठघरे में खड़ा कर दिया। इस पर सरकारी तबके और मोदी समर्थकों के बीच जो प्रतिक्रिया होनी थी, वह स्वाभाविक तौर पर हुई। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला आरंभ हो गया।

दोनों के अपने-अपने तर्क हैं, जिनके बल पर वे अपनी बात को उचित बता रहे हैं। सरकारी पक्ष ने इसे मोदी और भारत के विरुद्ध षडय़ंत्र के तौर पर रेखांकित किया और उसी तौर पर इसकी निंदा की। इसे न केवल संप्रदायों के बीच नफरत फैलाने वाला प्रयास बताया बल्कि झूठ के पुलिंदे के तौर पर भी निरूपित किया। सरकारी पक्ष ने डॉक्यूमेंट्री की निंदा तो की ही साथ ही बीबीसी को भी भ्रष्ट बकवास कॉरपोरेशन बताकर इस पर तगड़ा प्रहार किया। दूसरी ओर जैसा कि अपेक्षित था, मोदी विरोधी खेमे ने इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने के प्रयासों को अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला और लोकतंत्र विरोधी करार दिया।

प्रतिबंध के बावजूद मोदी विरोधी समूह इसकी स्क्रीनिंग करते रहे और मीडिया का एक हिस्सा सरकार को घेरता रहा। अब जबकि आयकर विभाग की टीम बीबीसी के भारतीय कार्यालयों में कथित सर्वेक्षण के लिए पहुंची है तो डॉक्यूमेंट्री समर्थक विपक्ष और मीडिया इसे भी बदले की कार्रवाई तथा लोकतंत्र एवं अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार बता रहे हैं। सरकारी पक्ष इसे वित्तीय अनियमितताओं के लिए किसी भी संस्था के विरुद्ध सामान्य सर्वेक्षण के रूप में निरूपित कर रहा है।

मोदी विरोधी सवाल उठा रहे हैं कि अगर यह सामान्य कार्रवाई थी तो डॉक्यूमेंट्री के आने के बाद ही क्यों की गई। ऐसा ही सवाल सरकारी पक्ष भी उठा रहा है कि आखिर गुजरात दंगों के बीस वर्ष बाद 2024 के आम चुनावों से पहले बीबीसी ने इस विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को क्यों जारी किया। सरकारी पक्ष का यह सवाल जायज है। जो लोग आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें आम चुनावों से पहले डॉक्यूमेंट्री जारी करने की बीबीसी की मंशा पर भी स्पष्टीकरण देना चाहिए। किसी भी क्रिया की प्रतिक्रिया उसी तरह होती है, जैसे कि हो रही है।



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