क्रिकेट के किंग का जाना
महान लेग स्पिनर शेन वार्न ने दुनिया को अलविदा कह दिया है पर उन्हें सालों-साल याद किया जाता रहेगा।
![]() महान लेग स्पिनर शेन वार्न |
इस स्पिन जादूगर की जिंदगी को मैदान और मैदान के बाहर दो हिस्सों में विभाजित कर सकते हैं। मैदान में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके अपने कद को लगातार ऊंचाइयां दीं। वहीं मैदान के बाहर अनुशासनहीनता, सिगरेट और शराब की लत के साथ विभिन्न महिलाओं से संबंधों को लेकर अक्सर विवादों में घिरे रहे। शेन वार्न 1992 में भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट से कॅरियर की शुरुआत की थी। इस मैच में वह 150 रन देकर रवि शास्त्री का विकेट ही निकाल सके थे।
लेकिन इसी साल कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में पहली बार छाप छोड़ी। श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 181 रन बनाने थे और सभी को ये रन बनते दिख रहे थे। लेकिन इस मौके पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बोर्डर ने युवा स्पिनर शेन वार्न के हाथों में गेंद थमा दी। उन्होंने शानदार गेंदबाजी का मुजाहरा करते हुए तीन विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी। उन्होंने 2007 तक चले अपने कॅरियर में ऑस्ट्रेलिया को तमाम मौकों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इस दौरान 700 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। उनके कॅरियर को विराम देते समय तक वह 708 विकेट का विश्व रिकॉर्ड बना चुके थे। हालांकि बाद में यह रिकॉर्ड श्रीलंका में मुथैया मुरलीधरन ने तोड़ दिया। वार्न द्वारा 1993 की एशेज सीरीज के दौरान माइक गैटिंग को फेंकी गई गेंद को शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद चुना गया। उन्होंने लेग स्पिन गेंद को लेग स्टंप के बाहर फेंका और गेंद इतनी घूमी कि ऑफ स्टंप ले उड़ी थी। वह 1999 में ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले रहे।
वहीं अगले विश्व कप में प्रतिबंधित दवा के सेवन में घर भेज दिए गए थे और एक साल का प्रतिबंध भी झेला था। उन्होंने दो शादियां कीं पर दोनों चल नहीं सकीं। कहा जाता है कि उनके तमाम महिलाओं के साथ संबंध रहे। उन्हें शराब और सिगरेट पीने की भी लत थी। वह 2008 में अपनी कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स को पहला आईपीएल चैंपियन बनाने को अपने कॅरियर के सर्वश्रेष्ठ लम्हों में शुमार करते थे। शेन वार्न को द किंग का उपनाम दिया गया था और वह सही मायनों में क्रिकेट की दुनिया के किंग ही थे।
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