साजिश तो नहीं
पंजाब में अमन और शांति खतरे में हैं। राज्य में बीते दो दिन में भीड़ के हाथों पिटाई से दो लोगों की मौत हो गई।
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इसके पीछे पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी का कारण बताया जा रहा है जो बेहद संवेदनशील मामला है। इन घटनाओं से राज्य में तनाव है और जनता को किसी बड़ी साजिश की आशंका सता रही है। अमृतसर और कपूरथला में एक जैसी घटनाएं हुई हैं। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक व्यक्ति को गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के प्रयास के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला गया। उसके बाद कपूरथला के एक गांव में ऐसा ही प्रयास हुआ। पंजाब में सक्रिय राजनीतिक पार्टियों ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तो निंदा की है लेकिन भीड़ द्वारा हत्याओं पर खास प्रतिक्रिया नहीं दी है। पंजाब में विधानसभा चुनाव सर पर हैं इसीलिए कोई दल खुलकर नहीं बोल रहा।
स्वर्ण मंदिर में शनिवार को एक युवक ने रेलिंग फांद कर गुरु ग्रंथ साहिब के पास रखी तलवार उठा ली थी। सिर पर पीला कपड़ा बांधे उस युवक को सेवादारों ने पकड़ लिया। उसे बाहर ले जाया गया जहां लोगों की पिटाई से उसकी मौत हो गई। इसके कुछ ही घंटे बाद रविवार को कपूरथला जिले में ठीक वैसी ही घटना हुई। निजामपुर गांव के लोगों ने एक युवक को गुरुद्वारे में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया। इस युवक को भीड़ ने पुूलिस की मौजूदगी में ही पीटकर मार डाला।
राजनीतिक दल इन घटनाओं पर बहुत संभलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हर कोई बेअदबी पर खुलकर बोल रहा है पर हत्या करने वालों की निंदा करने से बच रहा है। इन मामलों में यह समझना मुश्किल हो रहा है कि जब दोनों घटनाओं में युवक पकड़ लिये गए थे तो उन्हें पुलिस के हवाले करने के बजाए पीटकर क्यों मार डाला गया? जबकि पुलिस उनसे पूछताछ करके साजिशकर्ताओं को बेनकाब कर सकती थी।
कुछ लोगों का कहना है कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन की मानें तो यूनियन कपास किसानों को मुआवजा देने की मांग पर सोमवार से आंदोलन करने वाली थी। अब जनता का पूरा ध्यान इन घटनाओं पर चला गया है। यदि बेअदबी रोकना चाहते हैं और साजिश को बेनकाब करना चाहते हैं तो दोषियों को पुलिस को दो, मारा क्यों? 2015 में फरीदकोट जिले के एक गांव में पवित्र ग्रंथ के पन्ने फाड़े जाने की घटना के बाद दो लोगों की हत्या कर दी गई थी।
इसका आज तक खुलासा नहीं हुआ है। इन मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाठिए। यह पता लगाने की जरूरत है कि इस खतरनाक साजिश के तार देश के भीतर ही हैं या इसमें सीमा पार पाकिस्तान का हाथ है।
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