भयावह निहितार्थ

Last Updated 25 Nov 2021 05:41:39 AM IST

जब उन्नीस नवम्बर की सुबह राष्ट्र के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और साथ ही आंदोलनरत किसानों से घर वापस लौटने की मनुहार की तब कुछ पल को तो लगा कि किसान नेता प्रधानमंत्री की बात का संज्ञान लेंगे और लगभग एक वर्ष से चले आ रहे आंदोलन को वापस ले लेंगे।


भयावह निहितार्थ

लेकिन इस अपेक्षा के विपरीत किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे जब तक कि एमएसपी को कानूनी मान्यता न मिले और आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा न मिले। साथ ही उनका यह भी आग्रह रहा कि किसानों के कुछ अन्य मुद्दों पर भी वार्ता हो यानी नरेन्द्र मोदी का आंदोलन को समाप्त करने का दांव पूरी तरह विफल हो गया।

किसान नेताओं ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की उसके निहितार्थ केवल मोदी या मोदी सरकार के लिए नहीं, बल्कि भारतीय राज्य के लि खतरनाक संकेत देने वाले हैं। अगर मोदी सरकार इस बार की तरह आगे भी किसानों की मांगों के आगे झुक जाती है, तो यह स्थापित हो जाएगा कि कुछ समूहों का अक्खड़ और गैर-जनतांत्रिक प्रतिरोध किसी भी चुनी हुई सरकार पर मनमाना दबाव बना सकता है और उसे झुका सकता है। देश में अनेक ऐसे समूह हैं जो मोदी सरकार के विरोधी हैं, इनको भी स्पष्ट प्रेरणा मिलेगी कि बिना चुनाव में जाए और वैधानिक तरीके से अपनी सरकार बनाने की लोकतांत्रिक चेष्टा के बजाए अपने भीड़ बल से सरकार को झुकाया जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर और सीएए कानून के विरोधी लोगों के बीच उठ रहे स्वर ऐसे ही संकेत दे रहे हैं। अगर चुनी हुई सरकारें भीड़ बल के आगे समर्पण करती रहें तो लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। जब एक छोटी सी संख्या के बल पर ही रास्ते जाम करके सरकार को अपनी बात मनवाने के लिए घुटनों पर लाया जा सकता है तो फिर चुनाव जीत कर अपनी सरकार बनाने और अपनी तरह से नीति और कानून बनाने की जहमत कौन उठाएगा। किसान आंदोलन ने आम लोगों की सुविधाओं की कीमत पर अक्खड़पन, हठधर्मिता और दुराग्रहशीलता का परिचय दिया है वह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। इसके आगे समर्पण करने से लोकतांत्रिक मूल्य समाप्त होंगे और देश की कोई भी सरकार अपने बहुमतीय चुनाव के बल पर शासन नहीं कर पाएगी। जो लोग सरकार के समर्पण पर खुश हो रहे हैं, उन्हें भविष्य को लेकर चिंतित होना चाहिए और देश को अराजकता के भंवर में जाने से बचाना चाहिए।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment