सरकार के समक्ष चुनौती
दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने केंद्र सरकार के सामने एक गंभीर चुनौती पेश कर दी है।
दिल्ली की सीमा पर डटे किसान |
उन्होंने बातचीत के लिए बुराड़ी मैदान जाने की शर्त को अस्वीकार कर दिया है। यानी वे बिना शर्त वार्ता करना चाहते हैं। इस बीच दिल्ली की सीमा पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
हालांकि आंदोलन में पंजाब के किसानों की अग्रणी भूमिका है, पर इसमें अन्य राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ आदि- के किसान भी जुड़ते जा रहे हैं। खापों की ओर से भी इन्हें समर्थन मिलने की खबर है। कहा जा सकता है कि किसानों का आंदोलन दिन-प्रति-दिन बड़ा आकार लेता जा रहा है। दूसरी ओर केंद्र सरकार भी मामले को सुलझाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो गई है। केंद्र सरकार के तीन बड़े मंत्रियों-राजनाथ सिंह, अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर- के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विचार-विमर्श किया।
बातचीत में क्या तय हुआ, यह ठीक-ठीक पता नहीं चला, लेकिन सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयारी कर रही है, जैसा कि उसने पहले ही उन्हें तीन दिसंबर के लिए निमंत्रण भेज रखा है। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि इससे किसानों को नए अवसर मिले और इसने उनकी समस्याओं को कम करना शुरू कर दिया है। जाहिर है कि प्रधानमंत्री के इस कथन से आंदोलनकारी किसानों को निराशा हुई होगी। लेकिन सरकार को लगता है कि संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को अंतिम रूप दिया है, जबकि किसानों को आशंका है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र का दरवाजा कारपोरेट के लिए खुल जाएगा।
किसानों की मांग है कि इन कानूनों को खत्म कर न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटी प्रदान करने वाला कानून लाया जाए। इस पर सरकार बार-बार कहती रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखा जाएगा। ऐसे में सरकार ही नहीं, आंदोलनकारी किसानों के सामने भी यह पेंच है कि किन बिन्दुओं पर सहमति बनाई जाए। बेशक मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी पर होने वाले विरोध से निपटने में सफलता पाई, लेकिन किसानों की चुनौती कुछ अलग है। इस पर होने वाली राजनीति ने भी मसले के समाधान को और जटिल बना दिया है। कृषि पर आश्रित भारी आबादी और उसके राजनीतिक फलितार्थ के मद्देनजर इस क्षेत्र की अहमियत को नकारना नहीं जा सकता। यह कृषि क्षेत्र ही है, जिसने कोरोना जैसी महामारी के दौरान अपनी गति बरकरार रखी है।
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