फिर आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बुधवार सुबह केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की पार्टी पर आतंकियों ने हमला किया।
फिर आतंकी हमला |
इस हमले में सीआरपीएफ 179 बटालियन का एक जवान शहीद हो गया, जबकि 2 स्थानीय नागरिकों की भी मौत हुई है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के जवानों ने आतंक के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है और इसी के चलते आतंकी संगठनों में खलबली मची हुई है।
आतंकवादियों की बौखलाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर में बीते 48 घंटे में 4 आतंकी हमले हुए हैं। वहीं इस साल जून तक 148 से ज्यादा आतंकवादी मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में 48 आतंकवादी सेना और अर्धसैनिक बलों के हाथों मार गिराए गए हैं। इस बीच खबर है कि चीन की आर्मी जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन अल बदर को सक्रिय करना चाहती है। वहीं पाकिस्तान भारत-चीन के बीच विवाद का फायदा उठाना चाहता है। पाकिस्तान ने पीओके में गिलगित-बालिस्तान इलाके में 20 हजार सैनिक बढ़ा दिए हैं।
दूसरी ओर, पाकिस्तान लगातार सीजफायर तोड़ रहा है। हालांकि भारतीय सेना और अर्धसैनिक बल पाकिस्तान और चीन के मंसूबों को किसी भी हाल में पूरा नहीं होने देने के लिए कृतसंकल्प हैं। निस्संदेह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की घटना हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ी हैं, मगर सेना के ‘ऑपरेशन ऑलआऊट’ के बाद कई आतंकवादी मारे भी गए हैं। सेना को यह बात अच्छे से पता है कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के रहनुमा और पैरोकार बहुतायत में हैं। लिहाजा, इस नेटवर्क को तोड़ना ही होगा। जब तक हम आतंकवादियों के समर्थकों का मनोबल नहीं तोड़ेंगे, तब तक कश्मीर में अमन बहाली का रास्ता तय नहीं कर पाएंगे।
सरकार को आतंकवादियों को मार गिराने के अलावा कुछ और उपाय भी तलाशने होंगे। आज हर कश्मीरी के मन में तनाव है, जिसके चलते उसे अपना भविष्य अंधकारमय दिखता है। न तो रोजगार के अवसर हैं और न ही सुकून के चार पल हैं। लिहाजा, सरकार को इस बारे में भी मंथन करने की जरूरत है। कई वर्षो से चले आ रहे खूनखराबे से किसी का भी भला नहीं हुआ है। इसलिए शांति बहाली के ठोस कदम उठाने तत्काल जरूरी हैं। हां, सेना को हमेशा चीन और पाकिस्तान की साजिशों से चौकस रहने की जरूरत है।
Tweet |