मिलकर लड़ना होगा
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ बीते रविवार को बैठक की।
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इस बैठक के सकारात्मक परिणाम सामने आए। यह तय हुआ कि दिल्ली में संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना विषाणु परीक्षण अगले दो दिनों में दोगुने किए जाएंगे।
छह दिनों के बाद परीक्षण को तीन गुना तक बढ़ा दिया जाएगा। अस्पतालों में बिस्तरों की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली को पांच सौ रेलवे कोच दिया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से दिल्ली सरकार को राहत महसूस हुई है। केंद्र सरकार को यह अच्छी तरह पता है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। इसके कारण राज्य के पास सीमित संसाधन है। दिल्ली सरकार के पास अधिकार भी सीमित है। इसीलिए कोरोना वायरस जैसी अदृश्य और खतरनाक बीमारी के विरुद्ध लड़ाई दिल्ली सरकार अकेले नहीं लड़ सकती है।
दिल्ली सरकार के पास ऐसे अनुभवी व्यक्ति भी बहुत कम हैं, जो इस महामारी से लड़ने की योग्यता रखते हों। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों के इलाज में जिस तरह की लापरवाही और अव्यवस्था देखने को मिल रही है, वे सारी कहानियां खुद-ब-खुद बयां कर रहीं हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल का जो नजारा दिखाई दिया वे रोंगटे खड़े करने वाले थे। हालांकि इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। असलियत ये है कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। यहां दिल्ली के अलावा पूरे देश के मरीज बेहतर इलाज पाने के लिए आते हैं। आबादी का यह भारी दबाव दिल्ली के ये अस्पताल झेल नहीं पा रहे हैं।
सवाल यह है कि सामान्य दिनों में केंद्र या राज्य सरकार ने दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा क्यों नहीं की? इसी तरह बढ़ती आबादी को देखते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए दूरगामी योजनाएं क्यों नहीं बनाई गई? हकीकत ये है कि हमारे देश में जब प्यास लगती है तो कुआं खोदा जाता है। इसी का नतीजा हम भुगत रहे हैं। अगर कोरोना महामारी के विरुद्ध जंग जीतनी है तो केंद्र और दिल्ली सहित अन्य सभी राज्यों को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी। यह बात समझनी होगी कि कोरोना के विरुद्ध अलग-अलग युद्ध लड़कर यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती।
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