नये लक्षण वाला कोरोना

Last Updated 15 Jun 2020 03:13:56 AM IST

कोरोना क्या है, उसके लक्षण क्या हैं, ऐसे सवालों के बारे में बहुतों को कुछ न कुछ पता है, पर इनके बारे में पूरी तरह से सब कुछ पता होने का कोई दावा नहीं कर सकता।


नये लक्षण वाला कोरोना

अब तक इसके लक्षणों के बारे में यही कहा जा रहा था कि कोरोना में बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होती है, लेकिन कालक्रम से इसके लक्षणों में और भी बातें जुड़ती गई। अब भारत में भी नये प्रोटोकाल में कुछ और लक्षणों को शामिल किया गया है, ताकि इस हिसाब से लोग कोरोना के प्रति सचेत रहें।

इन लक्षणों में मांसपेशी में दर्द के अलावा यह भी शामिल किया गया है कि कोरोना में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खत्म हो जाती है। यानी भारत में कोरोना के ऐसे मरीज मिल रहे हैं, जो गंधहीन और स्वादहीन होने की शिकायत कर रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या कम भी नहीं है। कोरोना मरीजों के लक्षणों में बुखार, कफ, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, शारीरिक कमजोरी और नाक बहने के अलावा अन्य लक्षणों का जो प्रतिशत बताया गया है, वह 24 है। पर इस पर चौंकने की आवश्यकता है।

दुनिया के दूसरे देशों में ऐसे मरीज सामने आ चुके हैं, जिनकी सूंघने और स्वाद की क्षमता का लोप हो गया था। कोई नहीं जानता कि समय के साथ कोरोना मरीजों में ऐसे लक्षण भी सामने आएं, जिनके बारे में अभी तक अनुमान भी नहीं लगाया गया है। दरअसल, कोरोना पर पूरी दुनिया में निरंतर शोध चल रहा है, नई मान्यता स्थापित हो रही है, तो कुछ का खंडन भी हो रहा है। कोरोना और मौसम के आपसी संबंधों को लेकर परस्पर विरोधी धारणाएं सामने आती रही हैं। इसी प्रकार इसके प्रसार के माध्यम को लेकर भी वैश्विक स्तर पर शोध चल रहा है।

चीन, अमेरिका और इटली को आधार बनाकर एक शोध में यह बताया गया है कि हवा इसके प्रसार का प्रमुख जरिया हो सकता है। प्रसंगवश यह भी उत्सुकता का विषय होगा कि हवा के जरिये यह वायरस कितनी दूर तक जा सकता है। लेकिन यह निश्चय ही चिंता का विषय होगा, क्योंकि लंबे समय तक इसी बात पर जोर दिया जाता रहा है कि कोरोना का संक्रमण संपर्क से होता है। अगर हवा इसके प्रसार का प्रमुख वाहक है, तो फिर यह बात भी उठेगी कि सोशल डिस्टेंसिंग का मानदंड क्या हो? ऐसी स्थिति में क्या छह फुट की दूरी पर्याप्त होगी?



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