आत्मनिर्भर गांव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मन की बात’ परिस्थितियों के अनुसार कोरोना संकट, उससे उत्पन्न चुनौतियों तथा सरकार द्वारा उनसे निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर केंद्रित रहा।
आत्मनिर्भर गांव |
यह स्वाभाविक ही था। देश का नेता यदि ऐसे समय लोगों से अपने ‘मन की बात करेगा’ तो उसमें यही विषय शामिल होंगे। यह बात ठीक है कि कोरोना ने समाज के छोटे से बड़े, नीचे से ऊपर सबको प्रभावित किया, लेकिन समाज का निचला तबका यानी गरीब, श्रमिक इसकी सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं। यह भी सच है कि हम इस समय सरकारों को जितना कोसें और कुछ राज्य सरकारों ने गैर जिम्मेवार तरीके से काम किया भी है, लेकिन अगर आजादी के बाद से गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की गई होती तो जो भयावह दृश्य दिखा है वह नहीं दिखता।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकज की चर्चा करते हुए बताया कि जो कुछ इसमें प्रावधान लाए गए हैं, उनसे गांवों को आत्मनिर्भर होने, वहां लघु उद्योगों एवं रोजगर वृद्धि के अवसर पैदा होंगे और देश एक नई दिशा ग्रहण करेंगे। भारत में गांवों से शहरों की ओर रोजगार के लिए पलायन एक बड़ा मुद्दा रहा है किंतु ज्यादातर राज्यों में इस पर कभी ठोस मंथन कर स्थायी निदान करने की कोशिश नहीं हुई। केंद्र ने भी एक गड्ढ़े का माटी उधर डालो और दूसरे से उसे भर दो जैसे रोजगार कार्यक्रम पैदा किए। बहुप्रचारित मनरेगा गांवों में कृषि से श्रमिकों का अंत करने, लघु और सीमांत किसानों को खेती छोड़ने तथा भ्रष्टाचार पैदा करने का कारण बना है।
इस समय चूंंकि यही कार्यक्रम तत्काल रोजगार देने का है इसलिए आर्थिक पैकेज में अतिरिक्त 40 हजार करोड़ की राशि निर्गत की गई ताकि लौट कर आए श्रमिकों को काम मिले और वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। कितु आने वाले समय में इसका ऐसा उचित विकल्प देना होगा, जिससे सम्मानजनक रोजगार पैदा हो सके एवं गांव, कस्बे, जिले तथा राज्य धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बनें। इस तरह कोरोना संकट ने अत्यंत पुरानी सामाजिक-आर्थिक समस्या की ओर नये सिरे से देखने और उस पर काम करने को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा भी कि मौजूदा परिदृश्य देश को अतीत के अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर प्रदान करता है। श्रमिकों की दक्षता पर काम हो रहा है और प्रवासी आयोग बनाने की बात हो रही है। कई राज्यों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उम्मीद है कोरोना संकट के साथ गांवों के विकास का एक नया सवेरा भी हम देख सकेंगे।
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