महंगी पड़ेगी लापरवाही
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन जिस तरह लोगों ने एकता और भावनात्मक जुड़ाव का संदेश दिया, ठीक उसके दूसरे दिन जनता में अनुशासन का अभाव दिखा।
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लोग सड़कों पर बेवजह मंडराते दिखे, उससे इस जानलेवा बीमारी से हमारी लड़ाई बेहद दुष्कर हो जाएगी। हमें इस बात की गांठ बांध लेनी चाहिए कि शुरुआती समय में की गई ऐसी ही लापरवाही और हीलाहवाली के कारण चीन और इटली में मरघटी सन्नाटा पसरा हुआ है।
वहां के हालात बेहद खराब हैं। खास तौर पर इटली में मरने वालों की संख्या रोजाना पांच सौ को पार कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने काफी सोच-समझकर ‘जनता कर्फ्यू’ और कुछ सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया है। जनता को आने वाले संकट से पार पाना है तो सरकार के बताए दिशा-निर्देशों का पालन करना ही होगा। मगर जिस तरह से लॉकडाउन के पहले दिन देश के कई हिस्सों में जनता की अनुशासनहीनता और लापरवाही के दृश्य सामने आए हैं, उससे तो यही लगता है कि कोरोना से जंग काफी मुश्किल है।
पटना में जिस तरह सैकड़ों की संख्या में लोग बस के अंदर और छतों पर लदे थे, उससे खतरा ज्यादा बड़ा नजर आने लगा है। इसी तरह पीलीभीत के जो वीडियो वायरल हुए हैं, उससे भी प्रधानमंत्री की अपील बेअसर होती दिख रही है। हर किसी को समझना होगा कि यह सामूहिक लड़ाई है और कोरोना से अकेले नहीं लड़ा जा सकता है। जनता को अनुशासित, संयमित, सतर्क और खुद के फायदे से ऊपर उठकर सिर्फ-और-सिर्फ देश के लिए आगे आना होगा। जब तक हरेक शख्स में अनुशासन की भावना नहीं आएगी, हमारी स्थिति चीन और इटली से ज्यादा खराब होने की आशंका बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री ने इसीलिए शुरुआत में ही कुछ सख्त फैसले लिए कि बीमारी महामारी का रूप न ले ले। अभी तो जनता के लिए सरकार ने वो सारी सुविधाएं बहाल रखी हुई हैं, जो उसकी जरूरत है। मगर जिस तरह सड़कों पर बिना जायज कारण के घूमने वाले देखे गए हैं, उससे सरकार को कुछ ज्यादा कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। पंजाब का उदाहरण हमारे सामने है, जहां पूरी तरह से कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। लॉकडाउन से आगे अगर बात जाएगी तो हालात और खौफजदा होंगे। इस नाते समझदारी में ही सबकी भलाई निहित है।
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