पीओके पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह कहना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा भाग है और एक दिन वह हमारे शासन के अधीन होगा।
पीओके पर जोर |
हालांकि जयशंकर ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि पाक अधिकृत कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने के लिए क्या किया जाएगा, पर इस बयान के संकेत साफ हैं। इसके पूर्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि पाकिस्तान से यदि बातचीत होगी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी।
गृहमंत्री अमित शाह संसद में कह चुके हैं कि जब हम जम्मू-कश्मीर बोलते हैं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर भी शामिल है। इसके बाद यह मानने में कोई हर्ज नहीं है कि पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत की नीति का मुख्य फोकस होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर दूसरे मंत्री एवं विपक्ष के नेता और सेना प्रमुख तक बार-बार बोल रहे हैं कि ‘नरेन्द्र मोदी अब उनके शब्दों में आजाद कश्मीर को लेने के लिए हमला करेगा।’ हालांकि भारत ने इस तरह के हमले का कोई संकेत दिया नहीं है और तत्काल इसकी संभावना भी नहीं है। इस समय भारत सरकार का मुख्य फोकस जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद की स्थिति को सुदृढ़ करना और दुनिया को समझाना है कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हमने अपने संविधान में परिवर्तन किया है।
विदेश मंत्री ने कहा भी कि भारत ने अपने संविधान के मुताबिक ही अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया। यही बात दुनिया के तमाम देशों व संस्थानों को भी बताई जाएगी। इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य प्रभावित हो रहा था और वहां अलगाववाद को भी आंच मिल रही थी। इसी भावना का पाक भी फायदा उठा रहा था और वहां आतंकवाद को भड़का रहा था। हालांकि जो देश भारत के प्रतिकूल बयान दे रहे हैं, उसके बारे में जैसा विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के कुछ देशों या संस्थानों की तरफ से जो प्रतिक्रियाएं आई हैं उसे लेकर भारत सरकार बहुत परेशान नहीं है।
कश्मीर पर दुनिया क्या सोचती है, इसको लेकर एक सीमा के बाद ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। इसका अर्थ यह हुआ कि जो देश या संस्थान सही बात जानना चाहते हैं, उनको बताई जाएगी लेकिन जो अपना मत बनाकर बैठे हैं उनकी चिंता नहीं की जाएगी। यह बिल्कुल सही रवैया है। हमारा मानना है कि सरकार को पाकिस्तान एवं गिलगित बाल्तिस्तान सहित जम्मू-कश्मीर को लेकर एक समग्र नीति बनाकर उसके अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।
Tweet |