क्या रखा है
भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, भारत में दुनिया जहां के तमाम निवेशक निवेश करने के लिए उत्सुक हैं-ये बातें एक हद तक ठीक हो सकती हैं।
क्या रखा है |
पर एक सच यह भी है तमाम अरबपति भारत तेज गति से भारत छोड़कर जा रहे हैं, और उनकी पसंद के टॉप देशों में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। हाल में आए ग्लोबल वैल्थ माइग्रेशन रिव्यू के मुताबिक 2018 में करीब 5000 भारतीय अरबपतियों ने देश छोड़ दिया। यह रिव्यू एफ्र-एशिया बैंक न्यू र्वल्ड वैल्थ ने किया। इस रिव्यू के आंकड़े निश्चय ही चौंकानेवाले हो सकते हैं, खासकर उनके लिए जो मानते हैं कि भारत में बहुत बढ़िया स्थितियां हो गई हैं।
पर गौरतलब यह है कि भारत में कमाई-धमाई की संभावनाएं तो निश्चय ही बढ़ी हैं, अर्थव्यवस्था में नई-नई प्रवृत्तियां देखने को मिल रही हैं। कोचिंग शिक्षा से जुड़ी एक नये ब्रांड बायजूस से जुड़ी फर्म की कीमत हाल में करीब 37000 करोड़ रु पये आंकी गई। यह कीमत पुरानी सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स की बाजार कीमत से लगभग डय़ौढ़ी है यानी नये कारोबारियों ने जमकर पैसा बनाया है, और हम आये दिन नये स्टार्ट अप, नये अरबपतियों के बारे में सुनते रहते हैं। पर देखने की बात यह है कि पैसा और संपत्ति ही सब कुछ नहीं है। जीवन की गुणवत्ता को लेकर भी गहरे प्रश्न चिह्न हैं।
दिल्ली राष्ट्र के अमीर राज्यों में से एक है, पर यहां की हवा इस कदर प्रदूषित है कि आये दिन चेतावनियां आती रहती हैं कि बच्चों को अस्थमा हो जाएगा। यहां रहने वालों की औसत आयु दो साल से चार साल कम हो सकती है। संपन्नता अपना वाहन, अपना बड़ा मकान तो ला सकती है, पर अपना वायुमंडल नहीं ला सकती। संपन्नता अपनी सड़क नहीं ला सकती। अमीरतम आदमी को भी खराब हवा और जामवाली सड़कों से दो-चार होना होता है। जो अरबपति देश छोड़कर जा रहे हैं, उनके मन में दो बातें हो सकती हैं-एक बेहतर जीवन बाहर मिलेगा; और दूसरी बात यह कि अगली पीढ़ी का भविष्य विदेशों में सुरक्षित ज्यादा रहेगा।
कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएं अपनी जगह हैं। दिल्ली हो या मुंबई, स्त्रियां खुद को पूरे तौर पर सुरक्षित कहीं महसूस नहीं कर सकतीं। कुल मिलाकर धन, संपन्नता से परे भी कई मसले हैं, जो अरबपतियों को चिंता में डालते हैं। इसलिए तेज गति से विकसित होती अर्थव्यवस्था के नीति-निर्धारकों को इस प्रश्न पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि आखिर, संपन्न लोग देश को छोड़कर क्यों जा रहे हैं?
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