लोकपर्व का पहला चरण
11 अप्रैल, 2019 को मतदान के पहले चरण के साथ लोक सभा चुनावों की प्रक्रिया अगले पड़ाव पर पहुंची है।
लोकपर्व का पहला चरण |
इस बार के लोक सभा चुनाव खास हैं। इसलिए नहीं कि आनेवाले पांच सालों तक कौन राज्य करेगा केंद्र में, इसका जवाब इस चुनाव से मिलेगा बल्कि इसलिए कि चुनाव में कुछ ऐसे मुद्दे दोबारा रेखांकित हो रहे हैं, जो कुछ समय पहले तक राजनीतिक विमर्श के केंद्र में नहीं थे। लोकतंत्र का अर्थ सिर्फ इतना नहीं है कि वह कुछ सांसदों और मंत्रियों को चुन दे सरकार बनाने के लिए।
लोकतंत्र में किन विषयों पर विमर्श चल रहा है, इस सवाल के जवाब से यह तय होता है कि लोकतंत्र परिपक्व कितना है। छोटे किसानों को छह हजार रु पये सालाना दिये जायेंगे, मोदी सरकार की इस घोषणा के जवाब में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बीस प्रतिशत सर्वाधिक विपन्न परिवारों को 72000 रु पये का जो वादा किया है, उसने इस विमर्श को एक नई दिशा दे दी है। कोई राजनीतिक दल गरीब परिवार की महिलाओं को हर महीने कुछ रकम देने की बात कर रहा है। ये वादे जमीन पर कितने उतरेंगे, यह तो अलग मुद्दा है।
पर मूल मुद्दा यह है कि ये सारे विषय ऐसे हैं, जिन पर हमारे राजनीतिक दलों को चिंताएं करनी पड़ रही हैं। सिर्फ जातिगत समीकरण या धार्मिंक मुद्दों को भड़काकर चुनाव नहीं जीते जा सकते, यह बात धीमे-धीमे मुख्यधारा के राजनीतिक विमर्श में स्थापित हो रही है। यह शुभ है। लोकतंत्र के परिपक्व होने के लक्षण हैं। ऐसा नहीं है कि जातिगत समीकरणों या धार्मिंक मुद्दों की कोई जगह नहीं बची।
पर अब हर दल को यह बताना पड़ रहा है कि गरीब किसान या विपन्न तबके के लिए उसके घोषणापत्र में क्या है। फिर यह बहस चल निकली है कि आखिर इन घोषणाओं के लिए संसाधन कहां से जुटाये जायेंगे। यह लोकतंत्र का सौंदर्य है कि गरीब के पास भी एक वोट है, और अमीर के पास भी एक वोट है। गरीब किसान का भी एक वोट है और अमीर उद्योगपति का भी एक ही वोट है।
यानी लोकतंत्र के पलड़े पर सब बराबर तुल रहे हैं। तो कुल मिलाकर कर जो भी सरकार आयेगी, वह विपन्न तबके की नाराजगी की चिंता करे, अब तक वंचितों के हक की चिंता करे और आय की असमानताओं को पाटे तब ही राजनीतिक प्रक्रिया सही चल पायेगी। यह संदेश हाल के चुनाव प्रचार, चुनावी घोषणापत्रों से साफ मिला है। भारतीय लोकतंत्र लगातार परिपक्व हो रहा है। यह लोकतंत्र के लिए सुखद समाचार है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
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