नीरव का प्रत्यर्पण

Last Updated 11 Mar 2019 12:36:31 AM IST

बैंक कर्ज धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अब पटरी पर आ रही है। पूरा देश चाहता है कि नीरव मोदी को भारत लाकर उसे कानूनी शिकंजे में कसा जाए।


नीरव का प्रत्यर्पण

उसके ब्रिटेन में होने की सूचना मिलने के साथ ही भारत ने जुलाई 2018 में प्रत्यार्पित करने का अनुरोध भेजा था। अब इस बात के प्रमाण मिल गए हैं कि नीरव ब्रिटेन में है और वहां कारोबार भी कर रहा है। तो अब उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज की गई और ब्रिटेन के गृहमंत्रालय ने उसे प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को हाल ही में न्यायालय को भेज दिया है। ब्रिटेन के गृह कार्यालय के केंद्रीय प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण के अनुरोध को वेस्टोमस्टर मजिस्ट्रेट अदालत को भेज दिया गया है।

ब्रिटेन के नियमानुसार इस बात की सूचना नीरव को दे दी गई है। जाहिर है, अब सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय को पूरी तैयारी से उसके प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ना होगा। वैसे नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है। हालांकि यह समझ से परे है कि इतना सब कुछ सामने होने के बावजूद ऐसे व्यक्ति को ब्रिटेन में कार्य एवं पेंशन विभाग ने बाजाब्ता नेशनल इंश्योरेंस नंबर दिया है। इसका मतलब है कि वह ब्रिटेन में कानूनी तरह से काम कर सकता है और ऑनलाइन बैंक खातों का परिचालन भी कर सकता है।

उसने ब्रिटेन के कंपनी कार्यालय में घड़ियों और आभूषणों के थोक कारोबारी और खुदरा विक्रेता के रूप में पंजीकृत कराया है। हालांकि मोदी इस नये कारोबार में निदेशक के रूप में शामिल नहीं है। उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द हो चुका है, लेकिन वह आराम से ब्रिटेन से आ जा रहा है। साफ है कि उसे वहां सत्ता के भीतर से मदद मिली है। इस कारण उसके प्रत्यर्पण की लड़ाई कठिन है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए किसी देश को यहां के किसी नागरिक को आसानी से शरण नहीं मिलनी चाहिए।

भारत ने यह विषय द्विपक्षीय बातचीत एवं संबंधित विश्व मंचों पर रखा है। बाजवूद ये बेईमान बाहर बसने का कोई-न-कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। किंतु भारत इस मायने में संकल्पित है कि इनको हर हाल में वापस लाना है। हां, कानूनी प्रक्रिया लंबी एवं जटिल होगी। विजय माल्या के मामले में लगातार सफलता मिलने के बावजूद अभी तक उसका प्रत्यर्पण संभव नहीं हुआ है। नीरव मोदी के मामले में भी हमें धैर्य से कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। किंतु एक बार कानूनी कार्रवाई आरंभ हो जाने के बाद इनका प्रत्यर्पण निश्चित है।



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