भारत चीन विवाद: आईपीएल अपने स्पॉन्सरशिप डील की करेगी समीक्षा

Last Updated 20 Jun 2020 04:24:41 PM IST

भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे गतिरोध के मद्देनजर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने टूर्नामेंट के ‘विभिन्न प्रायोजन सौदों की समीक्षा करने’ के लिए अगले सप्ताह अपनी संचालन परिषद की बैठक बुलाई है।


आईपीएल के प्रमुख प्रायोजकों में चीनी स्वामित्व वाली कंपनी वीवो टाइटल प्रायोजक है। आईपीएल ने वीवो के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार देर रात एक ट्वीट करते हुए आईपीएल प्रायोजन सौदों की समीक्षा की बात स्वीकारी, लेकिन उसने किसी नाम का जिक्र नहीं किया।

गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गये थे जिसके बाद देश भर में चीनी कंपनियों और उसके उत्पादों के बहिष्कार का सिलसिला जोर पकड़ चुका है।

चीनी मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी वीवो ने पहली बार वर्ष 2015 में दो वर्षों के लिए आईपीएल का टाइटल प्रायोजन हासिल किया था। फिर वीवो ने वर्ष 2017 में पांच साल की अवधि के लिए आईपीएल के टाइटल प्रायोजन के अधिकार हासिल किए थे। कंपनी ने इस सौदे का करार 341 करोड़ डॉलर में किया था। इसके तुरंत बाद आईपीएल ने मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम को वर्ष 2018-22 के लिये आधिकारिक ऑन-ग्राउंड प्रायोजक के रूप में चुना था। पेटीएम के मुख्य निवेशकों में से एक ‘अलीबाबा’ एक चीनी ई-कॉमर्स कंपनी है।

वार्ता
नई दिल्ली


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