पंत को परिस्थिति के हिसाब से खेलना होगा : शास्त्री

Last Updated 17 Sep 2019 05:02:17 AM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर ऋषभ पंत वेस्ट इंडीज दौरे पर की गई गल्तियों को दोहराते रहेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


ऋषभ पंत (file photo)

शास्त्री ने सीधे तौर पर कुछ कहने से बचते हुए कहा कि इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने भारत के वेस्ट इंडीज दौरे पर निराश किया। वह वनडे मुकाबले में पहली गेंद पर आउट हो गए थे।

मुख्य कोच ने कहा, ‘हम इस बार उसे छोड़ रहे हैं। वह त्रिनिदाद में पहली गेंद पर जिस तरह का शाट खेल कर आउट हुए थे अगर इसे दोहराते हैं तो उन्हें इसके बारे में बताया जाएगा। कौशल हो या ना हो आपको इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।’ शास्त्री ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह बिल्कुल सामान्य है। खुद को निराश करना तो छोड़िए आप टीम को भी निराश कर रहे हैं। जब क्रीज पर आपके साथ कप्तान मौजूद हो और आप लक्ष्य का पीछा कर रहे हो तो आपको समझदारी से क्रिकेट खेलना होता है।’

शास्त्री ने कहा कि पंत की काबिलियत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता लेकिन अगर वह शाट चयन और सही निर्णय लेने में सुधार करे तो उन्हें रोकना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘कोई भी उनके खेलने की शैली में बदलाव लाने के बारे में नहीं सोच रहा। जैसा विराट कोहली ने कहा, मैच की स्थिति के हिसाब से सजग रहना और शाट-चयन महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर उन्होंने इसमें सुधार कर लिया तो उन्हें रोकना आसान नहीं होगा।’

कोच ने कहा, ‘उन्हें यह समझने में एक मैच या फिर चार मैच लग सकते हैं। उन्होंने आईपीएल में ढेर सारे मैच खेले हैं, वह सीखेंगे। अब समय आ गया है कि वह जिम्मेदारी लें और अपनी काबिलियत दिखाए।’ भारतीय कप्तान ने भी इस मौके पर कहा कि वह चाहते हैं कि पंत मैच की स्थिति के हिसाब से खेले। कोहली ने कहा, ‘हम पंत से सिर्फ एक चीज की उम्मीद करते हैं कि वह मैच की स्थिति के हिसाब से खेले।’ उन्होंने कहा, ‘हम यह नहीं चाहते कि वह अपने हिसाब से खेले। यह परिस्थितियों को समझने और उससे अपने तरीके से निपटने के बारे में है।’

पंत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे वनडे मैच में मैदान पर कदम रखा था और पहली ही गेंद पर फाबियान एलेन पर बड़ा शॉट खेलने के कारण आउट हो गए थे। कोच ने कहा, ‘उन्होंने ऐसा कई बार करने की कोशिश की है और आउट हुए हैं। इससे काफी परेशानी होती है क्योंकि आप टीम को निराश कर रहे हो, आप अपने बारे में भूल जाइए यहां टीम की बात है। आप टीम को निराश कर रहे हो वो भी तब जब दूसरे छोर पर कप्तान है और आपको लक्ष्य हासिल करना है। आपको लक्ष्य का पीछा करना है और स्थिति ऐसी है कि आपको सूझबूझ भरी क्रिकेट खेलनी है।’

भाषा
धर्मशाला


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