इंग्लैंड पर ’नाकआउट‘ पंच लगाने उतरेगी टीम इंडिया

Last Updated 30 Jun 2019 05:50:54 AM IST

भारतीय टीम रविवार को होने वाले विश्व कप के हाई-प्रोफाइल मुकाबले में मुश्किलों में घिरी मेजबान इंग्लैंड पर शानदार जीत के साथ शीर्ष पर पहुंचने पर निगाह लगाये होगी।


बर्मिंघम : बल्लेबाजी अभ्यास करते भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी।

अब तक छह मुकाबलों में भारतीय टीम को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है और विराट कोहली की टीम 11 अंक के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश की ओर है लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ जीत से वह तालिका में शीर्ष स्थान को मजबूत करेगी। अगर भारत इसमें जीत जाता है तो मेजबान टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जायेगी।
टूर्नामेंट से पहले इंग्लैंड खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी लेकिन इयोन मोर्गन की टीम अहम मैचों लड़खड़ा गयी जिसके अब सात मैचों में केवल आठ अंक हैं और वह टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है। यह दुखद है कि कप्तान मोर्गन, जोस बटलर, जानी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद इंग्लैंड की हाल के वर्षों में सर्वश्रेष्ठ वनडे टीम को इस तरह बाहर होना पड़ेगा। रविवार को बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारतीय दर्शकों की मौजूदगी दबाव में घिरी टीम को और परेशान करेगी। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान और केविन पीटरसन पर जानी बेयरस्टो के बयान से भी दबाव काफी बढ़ गया है। बेयरस्टो ने कहा, ‘लोग हमारे असफल होने का इंतजार कर रहे थे।’ बेयरस्टो ने कहा, ‘वे कई मायनों में हमारी जीत से खुश नहीं हैं। वे इंतजार कर रहे हैं कि हम हार जायें और वे हमारी आलोचना करें। यह इंग्लैंड में आम है, बल्कि हर खेलों में है।’

भारत के खिलाफ मैच से पहले वान को यह टिप्पणी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में इसे ‘नकारात्मक और दयनीय मानसिकता’ करार दिया। भारत के लिए इंग्लैंड को हराने का यह बेहतर समय है क्योंकि मेजबान टीम काफी दबाव में है। मैच के दौरान धूप खिली होगी और सूखी पिच पर टर्न सामान्य से ज्यादा होगा। इन परिस्थितियों में दो कलाई के स्पिनरों के साथ जसप्रीत बुमराह का सामना करना इंग्लैंड के लिये मुश्किलें पैदा कर सकता है। इंग्लैंड की टीम हालांकि इस बात से राहत ले सकती है कि उन्होंने घरेलू सरजमीं पर पिछली द्विपक्षीय श्रृंखला में भारत को 2-1 से हराया था, लेकिन बुमराह उस समय चोटिल थे और उस श्रृंखला में नहीं खेले थे। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हालांकि कहा की भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ ज्यादा रणनीति बनाने में नहीं लगी।
दो मैचों में आठ विकेट लेने वाले शमी ने कहा, ‘प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में सोचने के बजाय बेहतर यही है कि हम अपने प्रदर्शन पर ध्यान लगायें। यदि हम अच्छा करते हैं तो हमें प्रतिद्वंद्वी के बारे में भी सोचने की जरूरत नहीं होगी।’
भारतीय टीम के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने अभी तक अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला है, फिर भी वह आसानी से जीत हासिल कर रही है।मध्यक्रम बल्लेबाजी अब भी चिंता का विषय है और चौथे नंबर पर विजय शंकर का प्रदर्शन निश्चित रूप से उन्हें कमजोर कड़ी बनाता है। टीम प्रबंधन ने अब तक ऋषभ पंत को मैदान में उतारने का संकेत नहीं दिया है।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था, ‘उन्होंने शंकर जैसे युवा खिलाड़ी पर भरोसा दिखाया है। टीम प्रबंधन को लगता है कि वह टीम की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। टीम अच्छी तरह जीत रही है इसलिए उन्हें इसी विजयी संयोजन के साथ जारी रहना चाहिए।’
युवा गांगुली ने इसी मैदान पर 1999 के विश्व कप में इस मैदान पर हरफनमौला प्रदर्शन से इंग्लैंड को हराया था। लेकिन इंग्लैंड के ताबूत में अंतिम कील लगाने वाले खिलाड़ियों में रोहित शर्मा, कोहली या फिर हार्दिक पंड्या शामिल हो सकते हैं।

भाषा
बर्मिंघम


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