इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी विराट सेना

Last Updated 11 Aug 2017 01:21:45 PM IST

सीरीज पर कब्जा कर चुकी भारतीय क्रिकेट टीम की निगाहें अब आखिरी टेस्ट के साथ सीरीज में 3-0 की क्लीन स्वीप कर इतिहास रचने पर लगी हुई हैं.


फाइल फोटो

श्रीलंका के खिलाफ पिछले दोनों मैचों में शानदार जीत के साथ सीरीज पर कब्जा कर चुकी भारतीय क्रिकेट टीम की निगाहें अब पल्लेकेल में शनिवार से शुरू होने जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्ट के साथ सीरीज में 3-0 की क्लीन स्वीप कर इतिहास रचने पर लगी हुई हैं.
       
भारत ने 85 साल के इतिहास में केवल एक बार ही विदेशी मैदान पर सीरीज में तीन टेस्ट जीते हैं और अब स्टार खिलाड़ी और कप्तान विराट के नेतृत्व में एक बार फिर टीम इंडिया के पास इतिहास रचने का मौका है.

भारत ने विराट के ही नेतृत्व में 22 साल के अंतराल पर पिछले श्रीलंका दौरे में तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीती थी और इस बार कप्तान 3-0 से क्लीन स्वीप करने के करीब हैं.


        
देश के सफल कप्तानों में शुमार हो चुके 28 साल के विराट के नेतृत्व वाली नंबर एक टेस्ट टीम के खिलाड़यिों में बिना किसी परेशानी के पल्लेकेल में मेजबान टीम को शिकस्त देने का मौका रहेगा जबकि श्रीलंकाई टीम इस मैच में हार टालकर अपना सम्मान बचाना चाहेगी. भारत ने पहले गाले टेस्ट में श्रीलंका को 304 रन और दूसरे टेस्ट में पारी तथा 53 रन से शानदार जीत अपने नाम की थी.
        
हालांकि भारतीय टीम को इस मैच में भी पूरी ताकत दिखानी होगी क्योंकि भले ही परिणाम के लिहाज से यह अहम न हो लेकिन मेजबान टीम इस मैच में वापसी करने के लिये जरूर कड़ा प्रयास करेगी.

श्रीलंकाई टीम पिछले मैचों में शर्मनाक हार से पहले ही दबाव में है और खुद उनके खेल मंी तक ने खिलाड़यिों की कड़ी आलोचना की है. बदलाव के दौर से गुजर रही टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस भी उसके लिये सिरदर्द बनी हुई है.

श्रीलंका ने तेज गेंदबाज दुष्मंता चामीरा और लाहिरू गामेगे को टीम में जगह दी है जो घायल नुवान प्रदीप और रंगाना हेराथ की जगह लेंगे.
     
मैच से दो दिन पहले तक यहां की पिच बिल्कुल पल्लेकेले स्टेडियम की हरी भरी पिच की तरह लग रही थी. पिच को देखते हुए कोहली भुवनेर कुमार को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में उतार सकते हैं जो निलंबित रविंद्र जडेजा की जगह ले सकते हैं. भुवनेश्वर ने कोहली की कप्तानी में टेस्ट टीम में मिले कुछ मौकों पर भी अच्छा प्रदर्शन किया है.
     
एक संभावना यह भी है कि भुवनेश्वर टीम में हार्दिक पांड्या की जगह ले जबकि चाइनामैन कुलदीप यादव को दूसरे स्पिनर के रूप में उतारा जाये. यादव ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला की उछालभरी पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया था. पहली पारी में उसके चार विकेट निर्णायक साबित हुए.

अभी तक कोहली की कप्तानी में भारत ने 28 टेस्ट खेले हैं और उन्होंने कभी समान अंतिम एकादश नहीं उतारी. यही चलन कल के मैच में भी जारी रहने की उम्मीद है.
     
श्रीलंकाई टीम के मौजूदा स्तर को देखते हुए यह विवाद का विषय है कि यह जीत कितनी बड़ी है लेकिन भारत ने 1932 में टेस्ट क्किेट में पदार्पण के बाद से 85 साल में कोई पूर्ण टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती. यदि वे ऐसा कर पाते हैं तो यह काबिले तारीफ होगा.
     
भारत ने अपनी सरजमीं पर भी टेस्ट श्रृंखला में अधिक व्हाइटवाश नहीं किये हैं. भारत ने अभी तक चार ही श्रृंखलायें ऐसी खेली है जिसमें सारे मैच जीते हों. मोहम्मद अजहरूद्दीन की अगुवाई में 1993 में इंग्लैंड को 3.0 से हराना और श्रीलंका पर 1994 में 3.0 से मिली जीत इसमें शामिल है.
     
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने आस्ट्रेलिया को 2013 की घरेलू श्रृंखला में 4.0 से हराया. पिछले साल कोहली की कप्तानी में न्यूजीलैंड पर 3.0 से जीत दर्ज की.
    
विदेशी सरजमीं पर यादगार टेस्ट श्रृंखलाओं में कपिल देव की कप्तानी में इंग्लैंड में 1986 में तीन मैचों की श्रृंखला में 2.0 से मिली जीत, पाकिस्तान पर 2004 में 2.1 से जीत और श्रीलंका पर 2015 में 2.1 से जीत शामिल है. भारत ने टाइगर पटौदी की कप्तानी में 1967. 68 में न्यूजीलैंड में 3.1 से जीत दर्ज की थी .
     
दो टेस्ट मैचों की श्रृंखलाओं में भारत ने बांग्लादेश ( 2004. 05 ), जिम्बाब्वे ( 2005. 06 ) और बांग्लादेश (2009. 10 ) का सूपड़ा साफ किया.
     
तीसरे टेस्ट में जीत से मुख्य कोच रवि शास्त्री का यह दावा भी पुख्ता होगा कि यह टीम नये रिकार्ड बनाने का माद्दा रखती है.देखना यह होगा कि टीम संयोजन में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं.
 

 

एजेंसी


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