जीएसटी और कर का बोझ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार जारी रहेंगे तथा अर्थव्यवस्था के और मजबूत होने पर नागरिकों पर कर का बोझ और कम होगा।
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ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का बृहस्पतिवार को उद्घाटन करने के बाद मोदी ने यह आस्ति दी। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान सुधारों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होने के साथ-साथ उसके पास लोकतांत्रिक और राजनीतिक स्थिरता भी है।
जीएसटी में सुधार को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए झूठ फैला रहे हैं। आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में ‘टैक्स की लूट’ मची थी।
लूटे हुए धन की भी लूट होती थी। देश के आम नागरिकों को कर की मार से निचोड़ा जा रहा था। आज कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दल देश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि नये जीएसटी रिफॉर्म से गरीब और मध्यम वर्ग, सभी की बचत हुई है।
समूचे देश में बचत उत्सव चल रहा है, और बाजार मजबूत से मजबूत हुए जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने कर को बड़े पैमाने पर कम किया है, और प्रयास किया है कि इसका लाभ आम जन तक पहुंचे और उसे महंगाई की मार से बचाया जाए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत के अपने लक्ष्य को भी दोहराया।
नागरिकों के सबल और सक्षम होने से इस लक्ष्य को सहज ही पाया जा सकता है। इसके साथ ही तथ्य यह भी है कि भारत वैश्विक व्यवधानों और अनिश्चितता के बावजूद विकास की दृष्टि से आकषर्क देश बना हुआ है। कोई भी व्यवधान भारत को पथ विचलित नहीं कर पा रहा है, बल्कि नई दिशा दिखाने वाला ही साबित हो रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2025 को लाल किले के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर जो अनेक घोषणाएं की थीं, उनमें देश के आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे महत्त्वपूर्ण घोषणा जीएसटी में बड़े बदलाव को लेकर की गई घोषणा थी। कहा था कि जीएसटी में सुधारों के रूप में देशवासियों को दीपावली का तोहफा मिलने वाला है, जिससे करदाताओं और व्यवसाइयों के लिए कर-अनुपालन सरल बनेगा।
साथ ही, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी घटेंगी। बेशक, मोदी सरकार ने जीएसटी को आम जनता और व्यापारियों, दोनों के लिए सरल और पारदर्शी बनाने का जो प्रयास किया है, उससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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