Himachal : हिमाचल में कुल्लू दशहरा उत्सव 2 अक्टूबर से शुरू, बढ़ायी गई सुरक्षा
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में दो अक्टूबर को विजयादशमी से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
![]() |
कुल्लू शहर के ढालपुर मैदान में इस सात दिवसीय उत्सव में लगभग चार-पांच लाख लोग आते हैं। इस उत्सव का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यह पर्यटकों को आकर्षित करता है तथा स्थानीय हस्तशिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देता है। इस भव्य उत्सव में 200 से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं शामिल की जाती हैं। इसे एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव का दर्जा दिया गया है।
कानून व्यवस्था बनाये रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मध्य रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) राहुल नाथ को उत्सव व्यवस्था का समग्र प्रभारी नियुक्त किया गया है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि नाथ कानून-व्यवस्था, सुरक्षा, यातायात और प्रोटोकॉल कर्तव्यों के सभी पहलुओं पर प्रत्यक्ष निरीक्षण करेंगे।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन त्योहार के संबंध में कानून एवं व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और प्रोटोकॉल कर्तव्यों के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार होंगे, जबकि मंडी के पनोह स्थित तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन के कमांडेंट पदम चंद मेला स्थल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा और तैनाती के प्रभारी होंगे।
बयान में कहा गया है कि दो वर्षों तक कुल्लू के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य कर चुके पदम चंद दशहरा उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था से अच्छी तरह परिचित हैं और सुरक्षा व्यवस्था की योजना बनाने एवं उसे क्रियान्वित करने में अपने पिछले अनुभव का उपयोग करेंगे।
इस उत्सव का इतिहास 17वीं शताब्दी का है, जब स्थानीय राजा जगत सिंह ने प्रायश्चित के प्रतीक के रूप में अपने सिंहासन पर रघुनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। इसके बाद, भगवान रघुनाथ को घाटी का शासक देवता घोषित किया गया।
| Tweet![]() |