पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौटे, आंदोलन से पीछे हटने से किया इनकार

Last Updated 05 Jun 2023 03:25:38 PM IST

पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौट रहे हैं। हालांकि, इन्‍होंने कहा है कि उनका संघर्ष जारी रहेगा।


जंतर-मंतर से 28 मई को हटाए जाने के बाद शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से ज्वाइन कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर रेलवे मुख्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक 31 मई को अपने बड़ौदा हाउस कार्यालय में ड्यूटी पर उपस्थित हुईं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने ट्वीट किया , ‘‘ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है और ना हटेगा।’’

उन्होंने आगे लिखा ,‘‘सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है । कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाये।’’

वहीं टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग ने ट्वीट किया , ‘‘आंदोलन वापिस लेने की खबरें कोरी अफवाह है । ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिये फैलाई जा रही है।’’

उन्होंने आगे लिखा , ‘‘हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापिस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी झूठी है । इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी ।’’

इससे पहले, बजरंग, साक्षी और विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने विरोध से संबंधित मामले पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।

एक अवयस्क समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे।
 




लेकिन 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था । उन्हें शाम को छोड़ दिया गया लेकिन जंतर मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया ।

इसके बाद पहलवान 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में विसर्जित करने गए लेकिन किसान और खाप नेताओं के समझाने के बाद पदक बहाये बिना लौट आये थे ।

भाषा/आइएनएस
नई दिल्ली


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