प्रधानमंत्री मोदी ने किया खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का उद्घाटन, कहा- जम्मू कश्मीर को बनायेंगे शीत खेलों का गढ़

Last Updated 26 Feb 2021 01:18:42 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुलमर्ग में दूसरे खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का उद्घाटन करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर को शीत खेलों का गढ बनाने की दिशा में यह अहम कदम है।


PM मोदी ने किया खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का उद्घाटन

दो मार्च को खत्म हो रहे इन खेलों में 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।      

मोदी ने वर्चुअल संबोधन में कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेलों में भारत की उपस्थिति दर्ज कराने और जम्मू कश्मीर को शीत खेलों का गढ बनाने की दिशा में एक कदम है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘गुलमर्ग में हो रहे ये खेल दिखाते हैं कि जम्मू कश्मीर शांति और विकास की नयी बुलंदियां छूने के लिये कितना तत्पर है। ये खेल जम्मू कश्मीर में एक नया खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करेंगे। जम्मू और श्रीनगर में दो खेलो इंडिया उत्कृष्टता केंद्र और 20 जिलों में खेलो इंडिया केंद्र युवा खिलाड़ियों के लिये बहुत बड़ी सुविधायें हैं। ऐसे केंद्र देश भर के हर जिले में खोले जा रहे हैं।’’     

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस आयोजन से जम्मू कश्मीर के पर्यटन को भी नयी ऊर्जा और नया उत्साह मिलने वाला है। हम यह भी देख रहे है कि कोरोना की वजह से जो दिक्कतें आई थी , वे भी पीछे छूट रही हैं।’’        

मोदी ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि खेलो इंडिया शीत खेलों का अनुभव शीतकालीन ओलंपिक के पोडियम पर भारत के गौरव को बढाने में बहुत काम आयेगा।’’ इन खेलों में अल्पाइन स्कीइंग, नोर्डिक स्की, स्नोबोर्डिंग, स्की पर्वतारोहण, आइस हॉकी और आइस स्केटिंग शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘देश भर से आये ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करेंगे। मुझे बताया गया है कि इस बार प्रतियोगियों की संख्या दुगुनी हो गई है। यह शीतकालीन खेलों के प्रति लोगों के बढते रूझान और बढते उत्साह का संकेत है।’’    

उन्होंने शीत खेलों में भाग ले रहे 1200 खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘खिलाड़ी जब इन खेलों के लिये मैदान में उतरें तो याद रखें कि वे इन खेलों का हिस्सा ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के ब्रांड दूत भी हैं। आपके खेल से दुनिया में भारत को पहचान मिलती है। जब आप खेल के मैदान पर उतरते हैं तो आप अकेले नहीं होते बल्कि 130 करोड़ देशवासी आपके साथ होते हैं।’’        

मोदी ने कहा कि खेल सिर्फ एक शौक नहीं है बल्कि इससे टीम भावना , जीत को दोहराना और हार में नयी राह खोजना सीखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘खेल हर व्यक्ति के जीवन को और उसकी जीवन शैली को गढता है। खेल आत्मविास बढाता है जो आत्मनिर्भरता के लिये भी उतना ही जरूरी है। दुनिया में कोई भी देश सिर्फ आर्थिक या सामरिक शक्ति से ही बड़ा नहीं बनता बल्कि इसके कई और भी पहलू हैं। खेल आज ऐसा क्षेत्र बन गया है जो आज की दुनिया में देश की छवि और देश की शक्ति का भी परिचय कराता है।’’    

उन्होंने कहा, ‘‘खेल सिर्फ पदक या प्रदर्शन तक सीमित नहीं है। इसका एक वैश्विक रूप है। क्रिकेट के क्षेत्र में हम भारत में इस बात को महसूस करते हैं लेकिन यह सभी अंतरराष्ट्रीय खेलों पर लागू होता है। इसी को ध्यान में रखकर बीते कुछ वर्षो में खेलों का ‘इको सिस्टम’ बेहतर किया जा रहा है। खेलो इंडिया से लेकर ओलंपिक पोडियम स्कीम तक हम इसी दिशा में आगे बढ रहे हैं।’’    

मोदी ने कहा, ‘‘नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेलों को बहुत महत्व दिया जा रहा है।पहले खेल अतिरिक्त गतिविधियों का हिस्सा था लेकिन अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। इसकी ग्रेडिंग की जायेगी। ये खेलों के लिये और विद्यार्थियों के लिये बहुत बड़ा फैसला है।’’    

खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘खेल राज्यों और समुदायों को जोड़ता है। पूर्वोत्तर की एक महिला मेरीकॉम जब पदक जीतती है तो पूरा देश जश्न मनाता है। खेल और संस्कृत देश की मृदु शक्ति का उदाहरण है।’’    

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछली बार यहां 100 छोटे खेलो इंडिया केंद्र बनाने की घोषणा की थी जिनमें से 40 को मंजूरी मिल चुकी है और बाकी को आगामी वित्त वर्ष में मिल जायेगा। इसके साथी ही माता वैष्णो देवी खेल परिसर को खेलो इंडिया अकादमी एक्रीडेशन दिया जायेगा।’’

भाषा
नई दिल्ली


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