ओलंपिक टिकटकटाने उतरेंगी भारतीय टीमें

Last Updated 01 Nov 2019 06:44:19 AM IST

भारतीय हॉकी के लिये घरेलू मैदान पर ओलंपिक का टिकट हासिल करने के लिहाज से शुक्रवार और शनिवार के दिन सबसे महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं जहां कलिंगा स्टेडियम में सीनियर पुरुष हॉकी टीम रूस और महिला हॉकी टीम अमेरिका के खिलाफ ओलंपिक क्वालिफायर मुकाबले खेलने उतरेंगी।


भुवनेश्वर : भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शुअर्ड मरीने और कप्तान रानी रामपाल।

ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कलिंगा स्टेडियम में 2020 टोक्यो ओलंपिक के क्वालिफायर मुकाबले खेले जाएंगे जहां विश्व के पांचवें नंबर की पुरुष टीम मनप्रीत सिंह की अगुवाई में रूस के खिलाफ हर हाल में जीत के साथ ओलंपिक का टिकट हासिल करने के लक्ष्य से उतरेगी जबकि रानी रामपाल की अगुवाई में नौवीं रैंकिंग वाली महिला टीम अमेरिका की चुनौती से पार पाने के लिये खेलेगी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इस वर्ष भुवनेश्वर में और महिला टीम ने हिरोशिमा में एफआईएच सीरीज फाइनल्स जीतने के बाद ओलंपिक क्वालिफायर के फाइनल चरण में जगह बनाई है और अब टोक्यो का टिकट पाने के लिये उसे रूस व अमेरिका को हराना होगा।
नये प्रारूप के हिसाब से ओलंपिक क्वालीफायर्स में दो मैच होंगे जिसमें अंकों के आधार पर फैसला होगा कि कौन सी टीम अगले साल टोक्यो ओलंपिक में खेलेगी। जीतने पर तीन अंक और ड्रा रहने पर एक अंक मिलेगा। यदि अंक बराबर रहते हैं तो फिर गोल औसत देखा जाएगा और यदि गोल भी बराबर रहते हैं तो शूटआउट का सहारा लिया जाएगा। यदि शूटआउट बराबर रहता है तो सडन डैथ से ओलम्पिक में जाने वाली टीम का फैसला होगा।         

भारतीय पुरुष टीम का विपक्षी रूस के खिलाफ पिछला रिकार्ड बढ़िया रहा है और आखिरी बार जब इसी मैदान पर दोनों टीमों का एफआईएच सीरीज फाइनल्स में एक दूसरे से सामना हुआ था तब मेजबान भारत ने उसे 10-0 से हराया था। हालांकि 22वीं रैंकिंग की रूसी टीम को इस बार यकीन है कि वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
रूसी टीम के कप्तान डेनिस शिपाचेव ने कहा, ‘भारत बहुत अच्छी टीम है और हमसे रैंकिंग में भी काफी ऊपर है। लेकिन हम उनके खिलाफ अच्छा खेल दिखाने के लिये तैयार हैं हमने ओलंपिक क्वालिफिकेशन को ध्यान में रखते हुये अपनी तैयारियों उसी हिसाब से की है।’
रूसी टीम जहां इस बार ऊंचे मनोबल और बेहतर तैयारी का जज्बा दिखा रही है वहीं अहम मुकाबले से पहले भारत को ड्रैग फ्लिकर और डिफेंडर वरूण कुमार के चोटिल हो जाने से झटका लगा है। उनकी जगह अब बीरेंद्र लाकड़ा को टीम में शामिल किया गया है जिन्होंने क्वालिफायर से पहले टीम के साथ जमकर अभ्यास किया।
दूसरी ओर भारत को दूसरा ओलंपिक टिकट दिलाने का जिम्मा महिलाओं पर रहेगा जो विश्व की 13वें नंबर की टीम अमेरिका से भिड़ेंगी। रानी की अगुवाई वाली महिला टीम पिछले काफी समय से क्वालिफायर की तैयारियों में जुटी है और ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर, फार्वड लारेमसियामी तथा गोलकीपर सविता टीम की सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें घरेलू परिस्थितियों में जीत की पूरी उम्मीद है। महिला टीम के लिये हालांकि पहली बार घरेलू मैदान पर खेलने का दबाव भी रहेगा। लेकिन कप्तान रानी और टीम की खिलाड़ियों को उम्मीद है कि घरेलू सर्मथकों की हौसला अफजाई से उनका मनोबल बढ़ेगा। लेकिन कोच शुअर्ड मरीने का मानना है कि कैथलीन शार्की की कप्तानी वाली अमेरिकी टीम के खिलाफ भारत को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
ओलंपिक के लिये 2020 ओलंपिक के लिये पुरुषों में जापान, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, स्पेन, हॉलैंड, कनाडा पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं जबकि महिलाओं में जापान, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, हॉलैंड, न्यूजीलैंड, स्पेन, चीन और आस्ट्रेलिया ने अपना स्थान पक्का कर लिया है।

किसी को हल्के में लेने की भूल न करें : रीड
भारतीय हाकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने दो मैचों के ओलंपिक क्वालीफायर से पहले अपने खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश दिया कि हर टीम का सम्मान करो, किसी को भी हल्के में लेने की भूल न करें। आस्ट्रेलियाई रीड इस बात को बखूबी जानते हैं कि आत्ममुग्धता का पेशेवर खेल में कोई स्थान नहीं है। मैच की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, ‘अगर आप ओलंपिक क्वालीफायर में पिछले हफ्तों के मैचों को देखो तो पहली चीज आप यही देखोगे आत्ममुग्धता कैसे टीम को नुकसान पहुंचा सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘जब से मैं टीम से जुड़ा हूं, तब से मेरा संदेश यही रहा है। हर टीम का सम्मान करो, जैसे कि आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खेल रहे हो। हमने अच्छी तैयारी की है जितनी हम कर सकते थे और हम तैयार हैं।’ भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह भी अपने कोच से सहमत थे, उन्होंने कहा, ‘जब से हम यहां आये हैं, तब से हम यही कह रहे हैं कि प्रतिद्वंद्वी को कभी कमतर मत समझो। हमारी मानसिकता जीतने की होनी चाहिए। सभी सीनियर खिलाड़ी जैसे रू¨पदर पाल सिंह या श्रीजेश युवाओं को यही कहते हैं कि यह मत समझो की चीजें आसान होंगी।

 

वार्ता
भुवनेश्वर


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