एशिया कप फुटबाल : नॉकआउट में जगह बनाने पर होगी भारत की निगाह

Last Updated 14 Jan 2019 01:35:50 AM IST

शानदार जीत के बाद मिली हार के बावजूद भारत के पास बहरीन के खिलाफ सोमवार को होने वाले एएफसी एशिया कप के अंतिम ग्रुप मैच में शानदार प्रदर्शन से नॉकआउट दौर में स्थान सुनिश्चित करने का मौका है।


कप्तान सुनील छेत्री और साथी खिलाड़ी। फाइल फोटो

भारत के लिए विश्व रैंकिंग में 113वें स्थान पर काबिज पश्चिम एशियाई टीम के खिलाफ ड्रा भी राउंड 16 में क्वालीफाई करने के लिए काफी होगा और 97वीं रैंकिंग की यह टीम इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में पहली बार यह करने के लिए बेताब होगी क्योंकि इससे पहले वह 1984 और 2011 में ऐसा करने में विफल रही थी।
शारजाह स्टेडियम में होने वाला यह मैच भारतीय फुटबाल टीम के लिए स्वर्णिम वर्षो (1951 से 64 तक) के बाद सबसे अहम होगा जिसमें करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया के देश के लिए सबसे ज्यादा 107 मैच खेलने के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। भारत 1964 इस्रइल के चरण में उप विजेता रहा था लेकिन टूर्नामेंट राउंड रोबिन प्रारूप में खेला गया था जिसमें चार देशों ने शिरकत की थी जिसमें विजेता का फैसला लीग में जुटाए गए अंकों के आधार पर किया गया था। उस चरण में एक भी नाकआउट मैच नहीं था।
भारतीय टीम (दो मैचों में तीन अंक) सोमवार को हार के बावजूद तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टीमों में से एक के रूप में नॉकआउट में पहुंच सकती है अगर मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (दो मैचों में चार मैच) की टीम ग्रुप ए के एक अन्य मैच में अल ऐन में थाईलैंड (दो मैचों में तीन अंक) को पराजित कर दे। हर ग्रुप से दो शीर्ष टीमों के अलावा छह ग्रुप से तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टीमें भी नॉकआउट दौर में पहुंचेंगी।

एशिया कप टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार अगर दो टीमें ग्रुप चरण में एक समान अंक पर रहती हैं तो फिर फैसला पहले दोनों के बीच नतीजे के आधार पर होगा। इसलिए अगर थाईलैंड और भारत दोनों सोमवार को अपने अपने मैच गंवा देते हैं तो भारत तीसरे स्थान पर रहेगा क्योंकि उसने शुरुआती मैच में थाईलैंड को 4-1 से मात दी थी। लेकिन कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन की टीम को बहरीन से बड़े अंतर से हारने से बचना होगा क्योंकि तीसरे स्थान के लिए बराबरी पर रहने वाली टीमों के राउंड 16 में पहुंचने के लिए गोल अंतर को तरजीह दी जाएगी। 2011 एशिया कप में भारत को बहरीन से 2-5 से हार मिली थी।
ग्रुप सी और ग्रुप डी में दो निचले स्थान पर रहने वाली टीमों ने अभी तक खाता नहीं खोला है और दोनों दो-दो मैच खेल चुकी हैं। इसलिए इनका गोल अंतर माइनस में होगा जबकि भारत का प्लस एक है। थाईलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन ने दिखा दिया कि भारत अब ऐसी कमजोर टीम नहीं है, जैसा हुआ करती थी और यूएई के खिलाफ दूसरे मैच में भले ही टीम 0-2 से हार गई हो लेकिन चुनौतीपूर्ण प्रदर्शन करने में भरोसा रखती है।

भाषा
शारजाह


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