विंबलडन: 'बिग थ्री' हुये आउट अब फेडरर पर निगाहें
विश्व के नंबर एक खिलाड़ी ब्रिटेन के एंडी मरे, स्पेन के राफेल नडाल और सर्बिया के नोवाक जोकोविच के विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप से बाहर हो जाने के बाद अब 'बिग फोर' के एकमात्र खिलाड़ी बचे स्विस स्टार रोजर फेडरर पर सभी की निगाहें टिक गयी हैं.
स्विस स्टार रोजर फेडरर (फाइल फोटो) |
'फैबुलस फोर' कहे जाने वाले चार दिग्गजों में केवल फेडरर ही विंबलडन में अभी तक मोर्चा संभाले हुये हैं और सेमीफाइनल में जगह बना पाये हैं जहां उनके सामने चेक गणराज्य के टॉमस बेर्दिच की चुनौती रहेगी. एक अन्य पुरूष एकल सेमीफाइनल में अमेरिका के सैम क्वेरी और क्रोएशिया के मारिन सिलिच एक दूसरे से भिड़ेंगे.
अंतिम चार के लिये लाइनअप तय होने के बाद अब टूर्नामेंट के शीर्ष वरीय और दिग्गज खिलाडियों में केवल 18 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन फेडरर ही बचे हैं और सभी को उनसे काफी उम्मीदें भी हैं. अपने 36वें जन्मदिन से कुछ सप्ताह पहले ही तीसरी सीड फेडरर इस अहम सेमीफाइनल के लिये उतरेंगे जहां उनके सामने बेर्दिच की चुनौती रहेगी जिनके विपक्षी सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच ने क्वार्टरफाइनल में चोट के बाद मैच छोड़ दिया था.
हालांकि फेडरर बिग फोर के धाकड़ खिलाडियों में गिने जाते हैं जिनके पास सबसे ज्यादा एकल स्लेम हैं. इस वर्ष आस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने के बाद फ्रेंच ओपन से बाहर रहे पूर्व नंबर एक खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं और लय में भी दिखाई दे रहे हैं. वहीं फेडरर के विपक्षी 11वीं सीड बेर्दिच ने भी सर्बियाई खिलाड़ी के खिलाफ अपने 12 मैचों में लगातार हारने के दुख को पीछे छोड़ दूसरी बार विंबलडन सेमीफाइनल में जगह बना ली है.
चेक खिलाड़ी ने वर्ष 2013 के बाद से ही 12 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन को नहीं हराया है और जोकोविच के खिलाफ 27 मैचों में केवल दो बार ही जीत सके हैं. लेकिन चेक खिलाड़ी के लिये फेडरर को हराना बड़ी चुनौती होगी जो यहां सात बार के चैंपियन हैं. वैसे बेर्दिच ने सेमीफाइनल को लेकर भरोसा जताते हुये कहा मुझे रोजर या जोकोविच से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मेरे लिये मेरा खेल और आत्मविश्वास मायने रखता है. मैं बस अपना श्रेष्ठ खेल दिखाने के लिये तैयार हूं.
हालांकि बेर्दिच ने माना कि फेडरर बिग फोर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उनके जैसे दिग्गज के खिलाफ खेलने का मौका मिलना ही बड़ी बात है. बेर्दिच ने इससे पहले कभी भी ग्रैंड स्लेम नहीं जीता है. वह विंबलडन 2010 में उपविजेता रहे थे जब उन्हें फाइनल में राफेल नडाल ने हराया था. बेर्दिच सात बार ग्रैंड स्लेम सेमीफाइनल में पहुंचे हैं और ऐसा करने वाले इवान लेंडल के बाद वह दूसरे चेक खिलाड़ी हैं.
पूर्व नंबर एक फेडरर को वर्ष 2014 और 2015 में यहां जोकोविच ने फाइनल में हराकर खिताब पर कब्जा किया था लेकिन इस बार सर्बियाई खिलाड़ी कोहनी की चोट के कारण मैच से हट गये. स्विस मास्टर ने विंबलडन में पांच वर्ष पहले अपना आखिरी खिताब जीता था और वह भी जोकोविच और मरे के चोट के कारण बाहर हो जाने से कुछ निराश हैं.
मरे और जोकोविच दोनों ही 30 वर्ष की आयु पर पहुंच चुके हैं जबकि फेडरर कुछ दिनों बाद 36 साल के होने जा रहे हैं और उन्होंने खिलाडियों को फिटनेस पर ध्यान देने की हिदायत भी दी. उन्होंने बेर्दिच के खिलाफ मैच को लेकर कहा मैं अच्छा खेल रहा हूं और आराम करने के बाद तरोता हूं. मुझे खुद पर भरोसा है.
एक अन्य सेमीफाइनल में अमेरिकी खिलाड़ी क्वेरी और सातवीं सीड सिलिच के बीच मुकाबला होगा. विश्व के नंबर एक और गत चैंपियन मरे पर जीत से उत्साहित 24वीं सीड क्वेरी ने भी माना कि इस बड़े मुकाबले को जीतने के बाद उनक मनोबल काफी ऊंचा हुआ है और वह फाइनल में पहुंचने का प्रयास करेंगे. क्वेरी वर्ष 2009 में एंडी रॉडिक के बाद पहले पुरूष अमेरिकी खिलाड़ी हैं जिन्होंने ग्रैंड स्लेम के सेमीफाइनल में जगह बनाई है.
क्रोएशियाई खिलाड़ी के खिलाफ सेमीफाइनल को लेकर उन्होंने कहा मैं अपने खेल में आगे कोई बदलाव नहीं करूंगा और अपने हिसाब से खेलूंगा. क्वेरी ने गत वर्ष तीसरे राउंड में उस समय के चैंपियन जोकोविच को भी हराया था और सर्बियाई खिलाड़ी के लगातार 30 मैच जीतने के सिलसिले को तोड़ा था. अमेरिकी खिलाड़ी के सामने उनके विपक्षी सिलिच के लिये भी पहली बार विंबलडन फाइनल में पहुंचना एक सपने की तरह होगा.
लग्जम्बर्ग के जाइल्स मुलर के खिलाफ पांच सेटों की जीत के बाद सिलिच ने पहली बार यहां सेमीफाइनल में जगह बनाई है. सिलिच ने अभी तक एकमात्र ग्रैंड स्लेम यूएस ओपन के रूप में वर्ष 2014 में जीता था. वह लगातार चार वर्षों से विंबलडन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे हैं. क्रोएशियाई खिलाड़ी का मानना है कि अंतिम चार में उन्हें क्वेरी के कम अनुभव का फायदा मिल सकता है जिन्हें किसी ग्रैंड स्लेम के इस स्तर पर खेलने का अनुभव नहीं है.
महिला सेमीफाइनल लाइनअप-
वहीं महिलाओं के सेमीफाइनल लाइनअप भी तय हो चुके हैं जहां स्पेन की गरबाइन मुगुरूजा के सामने मैग्डालाना रिबारीकोवा और अमेरिका की वीनस विलियम्स के सामने घरेलू खिलाड़ी ब्रिटेन की जोहाना कोंटा की चुनौती रहेगी. पुरूषों में स्टार घरेलू खिलाड़ी मरे के बाहर हो जाने के बाद छठी सीड ब्रिटिश खिलाड़ी पर विंबलडन में करिश्मा करने का दबाव है. कोंटा के पास वर्ष 1977 में वर्जिनिया वेड के बाद विंबलडन खिताब जीतने वाली पहली ब्रिटिश महिला बनने का मौका है.
वहीं पांच बार की चैंपियन 37 वर्षीय वीनस नौवीं बार विंबलडन फाइनल में खेलने उतरेंगी जहां खिताबी जीत उन्हें पेशेवर युग में ग्रैंड स्लेम जीतने वाली सबसे उम्रदराज महिला होने का गौरव प्रदान कर सकती है. वहीं 14वीं सीड और 2015 की फाइनलिस्ट मुगुरूजा गैर वरीय रिबारीकोवा की चुनौती का सामना करेंगी. विश्व रैंकिंग में 87वें नंबर की स्लोवाकियाई खिलाड़ी वर्ष 2008 के बाद ग्रैंड स्लेम में सबसे कम रैंकिंग की सेमीफाइनलिस्ट हैं.
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