उत्तराखंड सरकार ने रोप वे के लिए पोमा ग्रुप के साथ 2000 करोड़ रु का समझौता किया

Last Updated 27 Sep 2023 09:56:10 AM IST

उत्तराखंड सरकार ने प्रसिद्ध पोमा ग्रुप के साथ दो हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए मंगलवार को लंदन में एक समझौता किया।


यह समझौता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में हुआ है जो दिसंबर में राज्य में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिए ब्रिटेन की राजधानी लंदन की यात्रा पर गए हुए हैं।

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, पोमा समूह उत्तराखंड में रोपवे निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा । राज्य सरकार की ओर से सचिव, उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू पर दस्तखत किए ।

इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को दिसंबर में प्रदेश में होने वाले निवेशक सम्मेलन के लिए उत्तराखंड आने का न्यौता दिया ।

लंदन के कई प्रमुख उद्योगपतियों के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री ने उनके साथ प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।

 धामी ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड में ‘इको फ्रेंडली’ पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं ।

रोपवे निर्माण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी पोमा ग्रुप उत्तराखंड में पहले भी रोपवे के क्षेत्र में काम कर चुका है । चमेाली जिले के औली रोपवे में पोमा ग्रुप ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया है जबकि इसके अलावा वर्तमान में भी पोमा देहरादून-मसूरी रोपवे एवं यमुनोत्री रोपवे परियोजनाओं में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है ।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पोमा ग्रुप द्वारा हरिद्वार समेत कई अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों में भी रोपवे के लिए तकनीकी सहयोग के वास्ते निवेश की इच्छा जाहिर की गई है ।

धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार का ध्यान पर्यटन के साथ-साथ पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था पर भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे ।

इस संबंध में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जहां एक ओर रोपवे जैसी परियोजनाएं पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगी वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के अवसरों का बढ़ाएंगी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह बेहतर सिद्ध होंगी ।

मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां की कृषि और जलवायु अन्य राज्यों से भिन्न है । उन्होंने कहा कि आज के दौर में यूरोप से लेकर विश्व के अन्य स्थानों में जैविक उत्पादों की विशेष मांग हैं और सम्मेलन के जरिए प्रदेश के उत्पादों को विश्व भर में प्रभावी रूप से पंहुचाया जा सकेगा।

धामी ने कहा कि राज्य में दो नये शहर बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है ।
 

भाषा
देहरादून


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