डीप फ्रीजर हत्याकांड: पत्नी की हत्या के जुर्म में राजेश गुलाटी को उम्रकैद

Last Updated 01 Sep 2017 06:36:32 PM IST

देहरादून की अदालत ने सात वर्ष पहले पत्नी अनुपमा की निर्मम हत्या के दोषी दिल्ली के साफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को आज उम्रकैद की सजा सुनायी.


अनुपमा हत्याकांड: राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा (फाइल फोटो)

जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी रतूडी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने पत्नी की हत्या के जुर्म में राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा सुनायी और उस पर 15 लाख रूपये का अर्थदंड भी लगाया है. इसमें से 14.30 लाख रूपये की राशि दंपति के नाबालिग बच्चों के नाम की एफडी बनायी जायेगी. बाकी 70 हजार रूपये सरकारी खजाने में जमा कराने के आदेश दिये हैं.
  
अक्टूबर, 2010 में हुए देश को झकझोर कर रख देने वाले 'डीप फ्रीजर हत्याकांड' के नाम से चर्चित इस घटना में अदालत ने गुलाटी को कल भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (साक्ष्य छुपाने) के तहत दोषी ठहराया था. गुलाटी ने पत्नी की हत्या करके शव के टुकड़े-टुकड़े कर उसे डीपफ्रीजर में छुपा दिया था. 

रतूडी ने बताया कि अदालत ने दोषी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 10 लाख रूपये का जुर्माना लगाया जबकि धारा 201 के तहत उसे तीन साल की सजा देते हुए पांच लाख रूपये का अर्थदंड लगाया.   



मामले में अंतिम बहस 18 अगस्त को पूरी हुई थी. इस मामले में दंपति के घटना के समय चार वर्ष की उम्र के रहे जुडवां बच्चों की गवाही भी हुई थी. 

राजेश की प्रेमिका को लेकर दंपति के बीच अक्सर झगडे होते थे. 17 अक्टूबर, 2010 की रात को दोनों में झगडे के दौरान अनुपमा का सिर पलंग से टकरा गया और वह बेहोश हो गयी जिसके बाद राजेश ने तकिये से गला दबा कर उसकी हत्या कर दी.  

इस हत्याकांड का खुलासा 11 दिसंबर, 2010 को घटना के करीब दो माह बाद हुआ था, जब डीपफ्रीजर से अनुपमा के शव के कुछ टुकड़े बरामद हुए.

हत्या के अगले दिन राजेश ने डीपफ्रीजर खरीदा और उसमें अनुपमा की लाश को छुपा दिया. बाद में उसने एक आरी से अनुपमा के शव को काट दिया और उन्हें पालीथीन में भरकर धीरे-धीरे मसूरी रोड पर नाले में फेंकता रहा.

 

 

 

भाषा


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