उत्तर प्रदेश चुनाव: राजधानी लखनऊ की नौ सीटों पर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर
उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में राजधानी लखनऊ की नौ में से सात सीटें जीतने वाली सत्तारूढ़ पार्टी सपा के लिए इस बार भाजपा एवं बसपा की कड़ी चुनौती के कारण इन सीटों को बनाए रखना आसान नहीं होगा.
लखनऊ की सीटों पर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर (फाइल फोटो) |
पिछली बार इनमें से एक-एक सीट भाजपा एवं कांग्रेस के खाते में गयी थीं.
सपा के उम्मीदवारों में मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव और तीन मंत्री शामिल हैं जिनमें से एक को हाल में बर्खास्त कर दिया गया था.
भाजपा ने दो सीटों - लखनऊ मध्य एवं लखनऊ छावनी पर दल बदलकर पार्टी का दामन थामने वाले दो नेताओं को उतारा है. इनमें पिछली बार कांग्रेस टिकट पर जीतीं रीता बहुगुणा जोशी शामिल हैं जो छावनी सीट से अपर्णा के खिलाफ पार्टी की उम्मीदवार हैं.
बसपा ने इस सीट से योगेश दीक्षित को उतारा है जो पार्टी अध्यक्ष मायावती के सुशासन का वादा कर मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं.
लखनऊ मध्य सीट पर भी मजेदार मुकाबला है जहां समाजवादी पार्टी :सपा: के निवर्तमान विधायक एवं कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा कांग्रेस के उम्मीदवार महरूफ खान के कारण मुश्किल लड़ाई का सामना कर रहे हैं क्योंकि दोनों दलों के बीच गठबंधन के बावजूद खान ने अपनी उम्मीदवारी छोड़ने से इनकार कर दिया.
इस सीट से भाजपा ने लखनऊ विविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजेश पाठक को टिकट दिया है जो बसपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए.
वहीं बसपा ने यहां से राजीव श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है.
सरोजनी नगर सीट पर भी रोचक मुकाबला है जहां भाजपा की प्रदेश महिला शाखा की अध्यक्ष स्वाति सिंह मैदान में हैं. भाजपा ने कभी भी यह सीट नहीं जीती है.
हालांकि इस बार सरोजनी नगर में सपा के लिए हालात मुश्किल दिख रहे हैं क्योंकि उसके विधायक शारदा प्रसाद शुक्ला पार्टी की अनदेखी के बाद रालोद के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. सपा ने मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के रिश्ते के भाई अनुराग यादव को टिकट दिया है जबकि बसपा से शिव शंकर सिंह उर्फ शंकरी मैदान में हैं.
वहीं भाजपा के बागी सदस्य रूद्रदमन सिंह उर्फ बबलू को शिवसेना ने टिकट दिया है.
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