भाजपा का चुनाव घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा : विपक्ष
विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर शनिवार को जारी घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त किये गये वादों से मुकरने वाली यह पार्टी घोषणापत्र जारी करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.
(फाइल फोटो) |
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में कहा कि भाजपा का चुनाव घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है और लोकसभा चुनाव के कड़वे अनुभव के बाद अब कोई भी उसके वादों पर यकीन नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में झूठे वादों के बल पर सरकार बनाने वाली भाजपा ने पूरी तरह असंवेदनशीलता दिखाते हुए अपने कार्यकाल के तीन साल यूं ही गुजार दिये.
चौधरी ने कहा कि चुनाव का वक्त आते ही भाजपा एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए माहौल खराब करने की फिराक में है. इसके अलावा तीन तलाक जैसे मुद्दे, जो कि अदालत में लम्बित हैं, उन पर वादे करके भाजपा मुसलमानों को छलने की कोशिश कर रही है. बसपा मुखिया मायावती ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जारी किये गये चुनाव घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किये गये वादों को पूरा करने में बुरी तरह नाकाम रही है. ऐसे में इस पार्टी को अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा और उनके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने अपने घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश की जनता से तरह-तरह के प्रलोभन दिये थे और जो अच्छे दिन दिखाने के वादे किये थे, वे पूरे नहीं किये. भाजपा का जारी घोषणापत्र प्रदेश की जनता की आंख में धूल झोंकने वाला है.
मायावती ने कहा कि भाजपा के सभी चुनावी वादे केन्द्र के एजेंडे से अधिकांशत: गायब हो गये हैं. भाजपा ने केन्द्र में अपनी सरकार के करीब तीन साल गुजरने के बावजूद अपने उन वादों में से अब तक एक चौथाई भी वादे पूरे नहीं किये. इस बीच, कांग्रेस ने भी भाजपा के घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिन्दा’ करार देते हुए कहा कि इस पार्टी ने अपने झूठ को छिपाने के लिए राम मन्दिर का राग फिर से अलापा है. जनता जानती है कि भाजपा राम को भी धोखा देने में पीछे नहीं है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि नोटबन्दी के दौरान छोटे-छोटे कामगारों को कितना नुकसान हुआ और कितनी नौकरियां खत्म हो गयीं, इसका भी कोई सुझाव भाजपा के घोषणा पत्र में नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खनन माफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स बनाने की घोषणा कर रहे हैं. लेकिन सर्वाधिक खनन भाजपा शासित छत्तीसगढ़, झारखण्ड एवं मध्य प्रदेश में हो रहा है, क्या इन तीनों राज्यों की भाजपा सरकारों ने कोई टास्क फोर्स बनाया है. क्या छत्तीसगढ़, झारखण्ड एवं मध्य प्रदेश की सरकारों ने अपने यहां खनन माफियाओं पर शिंकजा कसने का कोई कार्यक्रम चलाया है? बब्बर ने कहा कि भाजपा का घोषणा पत्र/संकल्प पत्र पूरी तरह गुमराह करने वाला, झूठे वायदों पर आधारित और झूठ का दस्तावेज है.
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