अखिलेश यादव ने कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फैसला एक-दो दिन में
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साइकिल चुनाव चिह्न मिलने के एक दिन बाद कहा कि वह हमेशा अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर चलेंगे और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर जल्द निर्णय ले लिया जाएगा.
![]() मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
लखनऊ में मंगलवार को अपने आधिकारिक आवास पर सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा, "मुझे यकीन था कि सपा का आधिकारिक चुनाव चिन्ह साइकिल मुझे ही मिलेगा."
कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, "इस तालमेल पर निर्णय एक-दो दिन में ले लिया जाएगा. इस बारे में औपचारिक ऐलान लखनऊ में किया जाएगा."
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अभी इसके लिये इंतजार करना होगा.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री कांग्रेस के साथ गठबंधन की हिमायत बार-बार करते रहे हैं. उनका कहना है कि वैसे तो सपा अपने दम पर सरकार बनाने लायक बहुमत हासिल कर लेगी, लेकिन अगर कांग्रेस का साथ मिला तो वह 403 में से 300 से ज्यादा सीटें जीत लेगी
नेताजी के साथ मिलकर चलेंगे, यह रिश्ता अटूट है
मुलायम सिंह यादव से मतभेद के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि वह सोमवार रात नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से आशीर्वाद लेने गये थे. वह हमेशा उन्हें साथ लेकर चलेंगे. यह रिश्ता अटूट है. अगला चुनाव उनके मार्गदर्शन में लड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा कि अब उनके सामने बड़ी जिम्मेदारी है, अब हमारा सारा ध्यान दोबारा सरकार बनाने पर है. इसके लिये सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का सहयोग चाहिये.
अखिलेश ने कहा कि चुनाव में अब बहुत कम समय रह गया है. पार्टी में गतिरोध की वजह से पहले ही 19 रैलियां रद्द हो चुकी हैं. वह प्रत्याशियों की सूची को मंगलवार को अंतिम रूप देंगे और उसके बाद नामों का ऐलान कर दिया जाएगा.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिर से समाजवादियों की सरकार बनाना उनका लक्ष्य है.
अब विधानसभा चुनाव जीतने की चुनौती
मालूम हो कि सत्तारूढ़ सपा पर वर्चस्व और उसके चुनाव चिन्ह पर कब्जे को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव खेमे के बीच चुनाव आयोग में चल रही दस्तावेजी जंग अखिलेश के पक्ष में गयी और चुनाव आयोग ने सोमवार को उन्हें पार्टी का नाम तथा उसके चुनाव चिन्ह साइकिल पर अधिकार दे दिया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नसीम जैदी तथा दो अन्य चुनाव आयुक्तों के दस्तखत से जारी आदेश में आयोग ने कहा कि अखिलेश के नेतृत्व वाला खेमा ही समाजवादी पार्टी है और उसे ही पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह साइकिल पाने का हक है.
इसी के साथ पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच विगत 15 दिन से चल रहा विवाद आयोग के समक्ष समाप्त हो गया.
गत एक जनवरी को सपा के राष्टीय अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था जबकि मुलायम को पार्टी का ‘सर्वोच्च रहनुमा’ का पद दिया गया था. इसके अलावा सपा महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित करने और शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय भी लिया गया था.
मुलायम ने इस सम्मेलन को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसमें लिये गये तमाम फैसलों को अवैध ठहराया था.
पार्टी के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर सपा के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग के समक्ष दावा पेश किया था, जिस पर अखिलेश के पक्ष में निर्णय हुआ.
हालांकि सपा मुखिया ने संकेत दिये थे कि अगर आयोग में उनके पक्ष में फैसला नहीं हुआ तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
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