मौलाना भूल गया था कि यूपी में सरकार किसकी है, बरेली हिंसा के बाद CM योगी का तौकीर रजा पर हमला, कहा- ऐसा सबक सिखाएंगे कि...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले बरेली में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प को लेकर कड़ा रुख अख्तार करते हुए शनिवार को कहा कि ‘‘(दंगाइयों को) ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी।’’ बरेली हिंसा के बाद CM योगी का तौकीर रजा पर हमला, कहा
![]() उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) |
एक मीडिया संस्थान के ‘‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2024’’ कार्यक्रम में बरेली मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि कानून-व्यवस्था में खलल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘‘कल आपने बरेली के अंदर देखा होगा... वो मौलाना भूल गया कि शासन किसका है, उसने सोचा कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे, मैंने कहा जाम नहीं होगा, कर्फ्यू नहीं लगेगा... सबक तुम्हें ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी।’’
योगी की यह चेतावनी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलवी तौकीर रजा खान की तरफ प्रतीत हो रही है, जिन्होंने शुरुआत में ‘‘आई लव मोहम्मद’’ अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने पुष्टि की थी कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है, जिसके तहत किसी भी मार्च या प्रदर्शन के लिए लिखित अनुमति आवश्यक है। इसके बावजूद कुछ लोग सड़कों पर उतर आए और शांति भंग करने का प्रयास किया, जिसके कारण पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की और 24 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया।
पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर कई प्रदर्शनकारी ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए थे।
इस विवाद का संबंध नौ सितंबर को कानपुर में दर्ज की गई प्राथमिकी से है। कानपुर पुलिस ने चार सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कानपुर की सड़क पर कथित तौर पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा बोर्ड लगाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
मुख्यमंत्री ने जनसभा के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘व्यवस्था को ठप करने का यह कैसा तरीका है? 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में यही चलन था, लेकिन 2017 के बाद हमने कर्फ्यू तक नहीं लगने दिया। उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है।’’
योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सरकारों पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘चाचा-भतीजा’’ वसूली के धंधे में लिप्त थे और हर जिले में एक माफिया को समानांतर सत्ता संचालित करने की छूट दी गई थी।
उन्होंने कटाक्ष किया कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग माफियाओं के सामने नतमस्तक थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब सत्ता बेईमान और भ्रष्ट लोगों के हाथ में आती है, तो वह समाज को जाति और परिवार के नाम पर गुमराह करती है। ऐसे लोगों के लिए हमने बुलडोजर बनाया है।’’
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने माफिया राज को जड़ से उखाड़कर प्रदेश को विकास की राह पर ला खड़ा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज से आठ साल पहले उत्तर प्रदेश में ‘वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर’ की कल्पना करना भी असंभव था। पर्व और त्योहार आते थे तो उत्पात शुरू हो जाते थे। अब उत्पाती और उपद्रवी को सात पीढ़ियां याद आएंगी।’’
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अजय कुमार साहनी ने कहा कि झड़पें एक ‘‘पूर्व नियोजित साजिश’’ की तरफ इशारा करती हैं और उन्होंने वीडियो साक्ष्यों के आधार पर सभी अपराधियों की पहचान करने व भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराया।
उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग ने एक बयान जारी कर बरेली हिंसा की निंदा करते हुए इसे एक ‘‘सुनियोजित साजिश’’ बताया, जिसका उद्देश्य राज्य के विकास प्रयासों को नुकसान पहुंचाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘‘नोएडा अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो को कमजोर’’ करने तथा विदेशी निवेश को रोकने के लिए नकारात्मक माहौल बनाना था।
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