प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी दरों में कटौती पर लोगों को ‘‘गुमराह’’ करने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर बृहस्पतिवार को निशाना साधा और टूथपेस्ट से लेकर ट्रैक्टर तक सभी चीजों की कीमतों में कमी का उदाहरण देकर उनके बयान को गलत ठहराया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान 'कर लूट' होती थी और लोगों पर भारी करों का बोझ डाला जाता था।
प्रधानमंत्री ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित 'उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला' (यूपीआईटीएस) का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि तीन दिन पहले (22 सितंबर) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार लागू किए गए। ये 'संरचनात्मक बदलाव' भारत की विकास गाथा को नई उड़ान देंगे।
उन्होंने कहा कि ये सुधार जीएसटी पंजीकरण को सरल बनाएंगे, कर विवादों को कम करेंगे और एमएसएमई के लिए रिफंड में तेजी लाएंगे। इससे हर क्षेत्र को लाभ होगा। इसके बावजूद, कुछ राजनीतिक दल देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ‘‘कर की लूट’’ मची थी।
उन्होंने कहा, ''नये जीएसटी सुधारों से गरीब, नव मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग सब की बचत हुई है लेकिन इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल देश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं... कांग्रेस और उसके साथी दल 2014 से पहले के अपने शासनकाल की नाकामियां छुपाने के लिए जनता से झूठ बोल रहे थे। सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकारों के समय कर की लूट मची हुई थी और लूटे हुए धन में से भी लूट होती थी।''
मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा, ''देश के आम नागरिकों को कर की मार से निचोड़ जा रहा था। यह हमारी सरकार है जिसने कर को बड़े पैमाने पर कम किया है, महंगाई कम की है। हमने देश के लोगों की आमदनी और बचत बढ़ाई है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने तीन अलग-अलग चरणों का अनुभव किया है...जीएसटी से पहले, जीएसटी के बाद और हाल में किये गये जीएसटी सुधार।
इनसे आए महत्वपूर्ण बदलावों पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि 2014 से पहले कई करों के कारण व्यावसायिक लागत और घरेलू बजट दोनों का प्रबंधन मुश्किल हो जाता था।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ''2014 से पहले एक हजार रुपये की शर्ट पर लगभग 170 रुपये का कर लगता था। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद यह घटकर 50 रुपये रह गया। जीएसटी सुधारों के बाद उसी एक हजार की रुपये की शर्ट पर अब केवल 35 रुपये कर के रूप में चुकाने पड़ेंगे।''
मोदी ने कहा कि 2014 में टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल और शेविंग क्रीम जैसी आवश्यक वस्तुओं पर 100 रुपये खर्च करने पर 31 रुपये कर लगता था जिससे उसकी कीमते 131 रुपये हो जाती थी। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद उन्हीं 100 रुपये के सामान की कीमत 118 रुपये हो गई जिससे 13 रुपये की प्रत्यक्ष बचत हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नये जीएसटी सुधारों के साथ यह कीमत और घटकर 105 रुपये हो गई है जिससे 2014 से पहले की दरों की तुलना में कुल 26 रुपये की बचत हुई है।
मोदी ने कहा कि 2014 में आवश्यक वस्तुओं पर सालाना एक लाख रुपये खर्च करने वाले परिवार को 20 से 25 हजार रुपये कर के रूप में देने पड़ते थे। अब नई जीएसटी व्यवस्था के तहत वही परिवार सालाना केवल पांच-छह हजार रुपये का भुगतान करेंगे क्योंकि ज्यादातर आवश्यक वस्तुओं पर अब सिर्फ पांच प्रतिशत ही जीएसटी लगता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ट्रैक्टर के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले ट्रैक्टर खरीदने पर 70 हजार रुपये से अधिक का कर लगता था। अब उसकी ट्रैक्टर पर सिर्फ 30 हजार रुपये का कर लगेगा। इससे किसानों को 40 हजार रुपये से ज्यादा की प्रत्यक्ष बचत होगी।
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत यानी तिपहिया वाहन पर पहले 55 हजार रुपये कर लगता था, जो अब घटकर 35,000 रुपये हो गया है। इससे खरीदारों के 20 हजार रुपये की बचत होती है।
मोदी ने दोपहिया वाहनों पर करों में कमी का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें कम होने के कारण स्कूटर अब 2014 की तुलना में आठ हजार रुपये सस्ते हो गये हैं और मोटरसाइकिल नौ हजार रुपये तक सस्ती हुई हैं।
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