Gyanvapi Masjid case : ज्ञानवापी में पूजा के लिए याचिका सुनवाई योग्य

Last Updated 01 Jun 2023 07:27:25 AM IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने बुधवार को व्यवस्था दी कि वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex) में श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) और अन्य देवी देवताओं की नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति की मांग को लेकर पांच हिंदू महिलाओं की ओर से दायर वाद पोषणीय है।


ज्ञानवापी मस्जिद विवाद

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (AIM) की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए पारित किया। एआईएम ने वाराणसी की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी जिसमें इस वाद की पोषणीयता को लेकर उसकी आपत्ति खारिज कर दी गई थी।

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (Anjuman Intejamia Masjid) ने हिंदू पक्ष के दावे का यह कहते हुए विरोध किया था कि निचली अदालत में यह वाद, पूजा स्थल कानून, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है जो कि यह व्यवस्था देता है कि 15 अगस्त, 1947 को मौजूद किसी भी धार्मिक स्थल के परिवर्तन की मांग करते हुए कोई वाद दायर नहीं किया जा सकता।

वाराणसी के जिला जज ने 12 सितम्बर, 2022 को एआईएम की वह दलील खारिज कर दी थी जिसमें पांच हिंदू वादकारियों द्वारा दायर मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी। जिला जज ने कहा था कि पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर वाद पूजा स्थल कानून, 1991, वक्फ कानून, 1995 और यूपी श्री काशी विनाथ मंदिर अधिनियम, 1983 के प्रावधानों के दायरे में नहीं आता।

याचिकाकर्ता के वकील एसएफए नकवी ने अदालत में दलील दी थी कि हिंदू पक्ष का यह दावा कि उन्हें 1993 में ज्ञानवापी की बाहरी दीवार पर श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की पूजा करने से रोक दिया गया था, एक कृत्रिम दावा है और तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा 1993 में लिखित में ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया गया था।

उन्होंने यह दलील भी दी थी वह स्थान जहां ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है, वह वक्फ की संपत्ति है इसलिए किसी भी शिकायत के मामले में वक्फ ट्राइब्यूनल के समक्ष दावा पेश किया जाना चाहिए। वहीं हिंदू पक्ष के वकीलों ने अपनी दलील में कहा कि पुराने नक्शों में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) पर हिंदू देवी देवताओं की मौजूदगी प्रदर्शित होती है और हिंदू भक्त लंबे समय से श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर रहे थे।

भाषा
प्रयागराज


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