Samaylive.com ने पहले ही बता दिया था, मेयर की सभी सीटें जीतेगी BJP
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव परिणाम यह बताने के लिए प्रयाप्त हैं कि इस समय उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का जादू कैसे चल रहा है। इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का असर दूर-दूर तक देखने को नहीं मिला। हालांकि समय लाइव डॉट कॉम ने बीते 29 अप्रैल के एक आर्टिकल में इसकी संभावना व्यक्त कर दी थी। समय लाइव ने मेयर की सभी 17 सीटों पर भाजपा की जीत का दावा कर दिया था।
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समय लाइव डॉट कॉम ने उत्तर प्रदेश की राजनैतिक समीकरण और विपक्ष की ढूलमूल रणनीति को देखते हुए यह बता दिया था कि इस बार उत्तर प्रदेश की सभी मेयर सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत होगी। चुनाव परिणामों ने समय लाइव डॉट कॉम की खबर पर मुहर लगा दी है।
उत्तर प्रदेश में इस बार मेयर की 17 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। सभी 17 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत हुई है। पिछली बार 16 सीटों पर चुनाव हुए थे। जिनमें भाजपा को 14 सीटों पर जीत मिली थीं। जबकि बसपा ने दो सीटों अलीगढ और मेरठ पर जीत दर्ज कराई थी। इस बार के चुनाव में जिस समय बसपा सुप्रीमों मायावती ने 11 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की थी, उसी समय इसका आभास हो गया था,कि इस बार विपक्ष के खाते में एक भी सीट नहीं जाने वाली है।
इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण था मुस्लिम वोटरों का बिखराव। चूँकि सपा भी मुस्लिम वोटरों पर दावा करती है, ऐसे में यह माने जाने लगा था कि मुस्लिम वोटर किसी एक पार्टी के साथ नहीं जाने वाला है। दलित वोटरों में पहले से ही सेंध लग चुकी है। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर की वजह से दलित वोटर बसपा से खिसकने लगा है। हालांकि चंद्रशेखर अभी उस हैसियत नहीं आए है कि वह दलितों के वोटरों पर पूर्ण अधिकार जमा सकें। उनके अलावा कुछ दलित वोटर पहले से ही भाजपा के साथ खड़ा है।
नगर निकाय चुनाव में विपक्षियों ने भाजपा को दे दिया वॉकओवर! (इस खबर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें)
www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttar-pradesh-news-in-hindi/481362/opposition-gave-walkover-to-bjp-in-municipal-elections-.html
पिछले विधान सभा चुनाव में इसका उदाहरण देखने को मिल चुका है। इस चुनाव में भी दलित वोटर किसी एक पार्टी के साथ खड़े होते हुए नहीं दिखाई दिए हैं। यानि उनमें भी बिखराव हुआ है। कुल मिलाकर इस बार सभी पार्टियों के कोर वोटों में बिखराव हुआ है। जबकि भाजपा की वोटें ज्यों की त्यों रहीं। इन्ही समीकरणों को देखते हुए समय लाइव ने कुछ आंकलन करने की कोशिश की थी। जिसके बाद नतीजा निकल कर आया था कि इस बार विपक्ष के खाते में मेयर की एक भी सीट नहीं जाने वाली है। जहाँ तक बात नगर पालिका और नगर पंचयतों की है वहां भी भाजपा ने पहले से ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन किया है। नगर पालिका और नगर पंचायतों में पहले की तरह इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशियों ने डंका बजाया है।
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