यूपी में छात्रवृत्ति के 75 करोड़ डकार गए शैक्षणिक संस्थान!, ईडी ने राज्य के छह जिलों में 22 स्थानों पर छापे मारे

Last Updated 19 Feb 2023 07:23:24 AM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पाया है कि उत्तर प्रदेश में कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने 75 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि का कथित रूप से गबन किया जो आर्थिक रूप से कमजोर, अल्पसंख्यक वर्ग और दिव्यांग छात्रों के लिए थी।


यूपी में छात्रवृत्ति के 75 करोड़ डकार गए शैक्षणिक संस्थान!

संघीय जांच एजेंसी ने 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों द्वारा मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति ‘धोखाधड़ी’ से हासिल करने से जुड़े धनशोधन मामले में राज्य के छह जिलों में 22 स्थानों पर छापे मारे।

धनशोधन का मामला राज्य सतर्कता ब्यूरो की 2017 की एक शिकायत से उपजा है। ईडी ने कहा, उसकी जांच के घेरे में जो संस्थान हैं उनमें एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मामपुर, लखनऊ; हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी, लखनऊ; हाइजिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी/सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, लखनऊ; लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन, लखनऊ और डा. ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, फरुखाबाद शामिल हैं।

इसके साथ ही डा. भीमराव आंबेडकर फाउंडेशन और जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी, आरपी इंटर कॉलेज, ज्ञानवती इंटर कॉलेज और जगदीश प्रसाद वर्मा उच्च माध्यमिक विद्यालय, सभी हरदोई भी उन संस्थानों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जांच की जा रही है।

हाइजिया समूह के कॉलेजों का नियंत्रण और प्रबंधन आई एच जाफरी, ओ पी गुप्ता संस्थान का शिवम गुप्ता द्वारा, एस एस संस्थान का प्रवीण कुमार चौहान द्वारा और जीविका कॉलेज का राम गुप्ता द्वारा किया जाता है।

ईडी ने आरोप लगाया कि इन संस्थानों ने कई अपात्र उम्मीदवारों के नाम पर ‘गैरकानूनी रूप से’ छात्रवृत्ति का लाभ उठाया और धन का ‘गबन’ किया।

ईडी ने कहा, एससी, एसटी, शारीरिक रूप से अक्षम या दिव्यांग उम्मीदवारों और अल्पसंख्यक समुदायों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की शिक्षा की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उसने कहा, छात्रवृत्ति घोटाले का समाज के कमजोर वगरें पर एक बड़ा सामाजिक प्रभाव है।

ईडी ने कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा, ‘घोटाला’ मोहम्मद साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद, जितेंद्र सिंह और रवि प्रकाश गुप्ता सहित फिनो पेमेंट्स बैंक के कई एजेंटों की सक्रिय सहायता से किया गया। एजेंसी ने कहा, यह फिनो पेमेंट्स बैंक के प्लेटफॉर्म पर खाते खोलने के लिए प्रक्रिया में छूट का दुरुपयोग करके किया गया।

भाषा
नई दिल्ली


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