अकर्मण्यता के आरोप में नपे उप्र के डीजीपी, बने होमगार्ड के चीफ
राज्य सरकार ने बुधवार को डीजीपी मुकुल गोयल को हटा दिया। उन पर शासकीय कायरे की अवलेहना करने, विभागीय कायरे में रुचि न लेने और अकर्मण्यता का आरोप है।
![]() डीजीपी मुकुल गोयल |
फिलहाल उनको डीजीपी के पद से कार्यमुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनात किया गया है। खबर लिखे जाने तक किसी दूसरे अधिकारी को डीजीपी के पद पर तैनात नहीं किया गया था। फिलहाल एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को डीजीपी का चार्ज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी बीते तीन दिनों से अवकाश पर चल रहे थे। उनको हटाए जाने की अटकलें बीते कई दिनों से सियासी गलियारों में लग रही थीं जिसे बुधवार को राज्य सरकार ने सही साबित कर दिया।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत 1 जुलाई 2021 को वर्ष 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी के पद पर तैनात किया था। उनको हितेश चंद्र अवस्थी के रिटायर होने के बाद डीजीपी बनाया गया था।
मुकुल गोयल इससे पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में एडीजी (ऑपरेशन) के पद पर तैनात थे। वह पूर्ववर्ती सपा सरकार में करीब डेढ़ वर्ष तक एडीजी कानून-व्यवस्था के पद पर भी तैनात रह चुके हैं।
डीजीपी बनने के बाद उनके कार्यकाल में सूबे में विधानसभा का चुनाव भी हुआ था। उनको हटाए जाने के बाद अब डीजीपी की रेस में 1987 बैच के जीएल मीना के अलावा 1988 बैच के आरके विकर्मा, देवेंद्र सिंह चौहान, आनंद कुमार का नाम आगे चल रहा है। अब देखना यह है कि इनमें से किस अधिकारी पर राज्य सरकार भरोसा जताते हुए पुलिस विभाग का मुखिया बनाती है।
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