UP: सीएम योगी ने दी कानपुर को बड़ी सौगात, मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन को दिखाई हरी झंडी

Last Updated 10 Nov 2021 10:57:19 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कानपुर स्थित गुरुदेव चौराहे पर बने मेट्रो डिपो का निरीक्षण करने के बाद बटन दबाकर मेट्रो ट्रेन को ट्रायल के लिए रवाना किया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना केंद्र और यूपी सरकार मेट्रो योजना पर काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास होगा कि आगामी 4-6 सप्ताह में यहां के लोगों को यह सुविधा मिलने लगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 नवंबर 2019 को कानपुर मेट्रो के कार्य का शुभारंभ हुआ था। विगत 19 महीनों से कोरोना की चुनौती के बावजूद मेट्रो काम चलता रहा। यह बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि अगले चार से छह सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के कर कमलों से यह सुविधा कानपुर वासियों को मिलने लगे।

उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है और ऐसे मुश्किल समय में तय समय सीमा से पहले पहले फेज का काम पूरा हो चुका है। पहले फेज में नौ स्टेशन होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अत्याधुनिक मेट्रो का आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक, लगभग 09 किलोमीटर का रन होगा। इससे कानपुरवासियों को ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा प्राप्त होने के साथ यहां के प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसी मेट्रो सिटी के साथ ही डेढ़ माह में कानपुर भी जुड़ेगा।

योगी ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कानपुर को मेट्रो की सौगात और पहले मिल जानी थी, लेकिन पिछली सरकारों के नकारात्मक और भ्रष्ट रवैये के कारण ऐसा न हो सका। मेट्रो के संचालन से कानपुर को न सिर्फ जाम से मुक्ति मिलेगी बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। यूपी के चार शहरों में पहले से ही सफलतापूर्वक मेट्रो चल रही है और अब जल्द ही कानपुर भी इससे जुड़ने वाला है।

उन्होंने कहा कि कानपुर प्रदेश में बड़ी और घनी आबादी वाला औद्योगिक नगर है। मेट्रो के चलने से यहां की जनता को काफी राहत मिलेगी और प्रदूषण नियंत्रण में काफी सहायता मिलेगी। कानपुर के सभी नागरिकों एक से डेढ़ माह में मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी और कानपुर उतनी ही तेजी से औद्योगिक रफ्तार को पकड़ेगा।

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 15 नवंबर, 2019 को शुरू किया गया था।

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना को महामारी के बावजूद दो साल से भी कम समय में पूरा किया गया है।

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पहले चरण में 9 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो चलेगी।

अब तक 9 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है। मेट्रो के दूसरे चरण का काम मोती झील और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच किया जाएगा, जिसके लिए अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे।

परीक्षण अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) की सख्त निगरानी में किए जाएंगे।

इस योजना के मुताबिक, पूरी तरह से चालू होने पर छह मेट्रो ट्रेनें आईआईटी और मोती झील के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर पर चलेंगी और दो ट्रेनें रिजर्व के तौर पर डिपो में खड़ी रहेंगी। वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने तक छह और ट्रेनें शहर में शुरू की जाएंगी।

कानपुर मेट्रो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस होगी। इससे 35 फीसदी तक बिजली की बचत होगी। यानी अगर ट्रेन के संचालन में 1000 यूनिट बिजली खर्च की जाती है, तो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के जरिए ट्रेनें फिर से लगभग 350 यूनिट बिजली पैदा करेंगी। इसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जाएगा।

स्टेशनों और डिपो में लगे लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे। इनकी ऊर्जा दक्षता 37 प्रतिशत तक होगी। ऊर्जा और बिजली के संरक्षण के लिए मेट्रो परिसर को भी एलईडी लाइट से सुसज्जित किया गया है।

इसके अलावा मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की योजना भी तैयार की गई है।

भारत में पहली बार कानपुर मेट्रो थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ आएगी। विशेष इन्वर्टर, जो ट्रेन में ब्रेक से उत्पन्न ऊर्जा को सिस्टम में वापस उपयोग करने में सक्षम करेगा। अभी तक देश में किसी भी मेट्रो रेल परियोजना में ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई है। यह ट्रेन पर्यावरण की सुरक्षा और प्रबंधन के लिहाज से भी खास है।
 

आईएएनएस
लखनऊ


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