Supreme Court On Stray Dog: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित, SG बोले- मुद्दा सुलझाने की जरूरत, सिब्बल बोले...

Last Updated 14 Aug 2025 11:58:35 AM IST

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को लेकर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।


दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित जगहों पर रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ ने की। इस नई पीठ में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया शामिल हैं। सुनवाई के शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सबसे पहले दलीले रखीं। सुनवाई खत्म होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के कारण बच्चों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने की जरूरत है, न कि इस पर विवाद करने की।

मेहता ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता। उन्होंने उच्चतम न्यायालय को बताया कि देश में एक साल में कुत्तों के काटने के 37 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं।

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि दिल्ली-एनसीआर में अधिकारियों को आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश देने वाले 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की दो सदस्यीय पीठ ने 11 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे ‘‘जल्द से जल्द’’ सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू करें और उन्हें श्वान आश्रय गृहों में भेजें।

पीठ ने अधिकारियों को कुत्तों के लिए तुरंत आश्रय स्थल बनाने और आठ सप्ताह के भीतर इस तरह के बुनियादी ढांचे के निर्माण के बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।

पीठ ने कहा था कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाए और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाए।

शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में खासकर बच्चों में आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के संबंध में 28 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में सुनवाई करते हुए कई निर्देश जारी किए थे।

 

भाषा
नई दिल्ली


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