महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक दलों और कसाई संघों ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों और बूचड़खानों को बंद रखने के स्थानीय नगर निगम के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है जिसके मद्देनजर कल्याण इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने गुरूवार को यह जानकारी दी।

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कल्याण-डोंबिवली (ठाणे जिले में), नागपुर, नासिक, मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर समेत महाराष्ट्र के विभिन्न नगर निगमों ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में बूचड़खानों और मांस की दुकानों को 15 अगस्त को बंद करने का निर्देश जारी किया है।
इनमें से कुछ ने कहा है कि हिंदू और जैन त्योहारों के मद्देनजर ये दुकानें कुछ अन्य दिनों में भी बंद रहेंगी।
महाराष्ट्र में लगभग आधा दर्जन नगर निकायों द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों और बूचड़खानों को बंद करने के आदेश के बाद सत्तारूढ़ सहयोगियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अलग-अलग सुर में बात की जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि सरकार लोगों के भोजन विकल्पों पर नियंत्रण रखने में रुचि नहीं रखती।
कल्याण में तृतीय जोन के पुलिस उपायुक्त अतुल झेंडे ने बताया कि कल्याण-डोंबिवली नगर निगम सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राजनीतिक दलों ने कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के आसपास के इलाकों में मांस की दुकानें लगाने, मांस बेचने और सभाएं आयोजित करने समेत प्रदर्शन की चेतावनी दी है। जिन लोगों के ऐसी गतिविधियां करने की संभावना है उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।’’
अधिकारी ने बताया कि पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू करने पर भी विचार कर रही है।
झेंडे ने कहा, ‘‘हमें अधिकतर प्रस्तावित प्रदर्शनों के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला। केवल कुछ ही राजनीतिक दलों ने औपचारिक अनुमति लेने के लिए हमसे संपर्क किया है।’’
केडीएमसी ने हाल में एक आदेश जारी किया था कि सभी बूचड़खाने और मांस की दुकानें 14 अगस्त की मध्यरात्रि से 15 अगस्त की मध्यरात्रि तक 24 घंटे के लिए बंद रहेंगी।
विभिन्न पक्षों द्वारा इस आदेश की आलोचना किए जाने के बीच केडीएमसी आयुक्त अभिनव गोयल ने बुधवार को कहा कि मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना कोई नयी बात नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह आदेश 1988 से लागू होता रहा है और हर साल जारी किया जाता है। कई अन्य नगर निकायों की भी ऐसी ही नीतियां हैं। यह प्रतिबंध केवल 15 अगस्त पर ही नहीं, बल्कि गांधी जयंती, महावीर जयंती, पर्यूषण, गणेश चतुर्थी और साधु वासवानी जयंती पर भी लागू होता है। यह निगम के स्वास्थ्य अधिकारी की एक रिपोर्ट पर आधारित है।’’
उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस कदम पर सवाल उठाया है, जबकि सत्तारूढ़ सहयोगी भाजपा ने इसका बचाव करते हुए 1988 के राज्य सरकार के उस आदेश का हवाला दिया है, जिसमें इन निकायों को ऐसी पाबंदियां लगाने का अधिकार दिया गया है।
विपक्षी दलों ने भी इस कदम की आलोचना की है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के भोजन विकल्पों को विनियमित करने में रुचि नहीं रखती। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद करने के विवाद को अनावश्यक भी बताया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बूचड़खानों और मांस ब्रिकी करने वाली दुकानों को 15 अगस्त को बंद करने के कुछ स्थानीय निकायों के आदेश पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध लगाना गलत है।
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