उत्तर प्रदेश स्टेट आयुष सोसायटी द्वारा कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए चार आयुर्वेद दवाओं की एक किट प्रदान की जा रही है।
|
आयुष सोसायटी ने कहा कि इस किट का निर्माण केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर किया जा रहा है। इसका प्रयोग कोरोना मरीजों के साथ-साथ संक्रमण के लक्षण वाली अन्य बीमारियों में भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
निर्देश का पालन करते हुए राज्य का आयुर्वेद विभाग सभी जिलों में किट्स उपलब्ध करा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की एक टीम को ये दवाएं दिए जाने के सात दिन के बाद ही उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। यह दवाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रभावी हैं।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ये दवाएं गले की खरास और सांस लेने की समस्याओं को ठीक करती हैं।
इस किट में आयूष-64 टैबलेट, संशमनी वटी, अनू तेल और अगस्त्य हरितकी शामिल हैं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निरंकार गोयल ने कहा कि आयूष-64 और संशमनी वटी सभी प्रकार के बुखार को ठीक कर सकते हैं।
संशमनी वटी वायरस के संक्रमण के लिए प्रभावी उपाय है। अनु तेल के एक बूंद को दोनों नासिका छिद्रों में डालने से बंद नाक खुल जाती है, गले का संक्रमण और आंखों की समस्या ठीक हो जाती है। अगस्त्य हरितिकी अवलेह सांस लेने की समस्याओं, टीबी, अस्थमा और बुखार को ठीक करता है।
दवाओं का पहले ही परीक्षण किया जा चुका है। डॉक्टर के मार्गदर्शन के अनुसार, उन्हें सात दिनों के लिए लिया जाना चाहिए।
| | |
|