यूपी में सरकारी भर्तियों में संविदा व्यवस्था की तैयारी

Last Updated 14 Sep 2020 12:34:54 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के समूह ‘ख’ और ‘ग’ की नई भर्तियों के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में है जिसके तहत नई नौकरी पाने वालों की पांच वर्ष तक संविदा पर तैनाती की जाएगी जिस पर खरा उतरने के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा।


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी नौकरी के संबंध में नई व्यवस्था बेहद प्रारंभिक अवस्था में है। हालांकि, इस बारे में एक प्रस्ताव जल्द मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। इस बारे में हर विभाग से सुझाव मांगे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इन पांच वर्ष के दौरान कर्मचारी का छमाही मूल्यांकन होगा जिसमें नई नौकरी पाने वालों को हर बार 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा। सरकार की प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही नियमित नियुक्ति की जाएगी। 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे।

इन पांच सालों में कर्मचारियों को नियमित सेवकों की तरह मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया में चयनित कर्मचारियों को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति दी जाती है।



जले पर नमक छिड़कने जैसा होगा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की शुरुआत संविदा से शुरू करने के योगी सरकार के संभावित प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि सरकार का यह फैसला युवाओं के लिए जले पर नमक छिड़कने जैसा साबित होगा।

वाड्रा ने ट्वीट किया कि युवा नौकरी की मांग करते हैं और यूपी सरकार भर्तियों को 5 साल के लिए संविदा पर रखने का प्रस्ताव ला देती है। ये जले पर नमक छिड़ककर युवाओं को चुनौती दी जा रही है।

उन्होने कहा, गुजरात में यही फिक्स पे सिस्टम है। वर्षों सैलरी नहीं बढ़ती, परमानेंट नहीं करते।

युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे।

वार्ता
लखनऊ


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