ईडी ने कानपुर किडनी रैकेट के आरोपितों पर कसा शिंकजा

Last Updated 27 Jul 2020 01:20:12 AM IST

कानपुर के बहुचर्चित किडनी रैकेट कांड का केस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज कर लिया है। ईडी की टीम जल्द ही इस मामले में आरोपित डॉक्टरों व दलालों के ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी में है।


ईडी ने कानपुर किडनी रैकेट के आरोपितों पर कसा शिंकजा

इस मामले की जांच कानपुर पुलिस द्वारा की गयी थी और कई डॉक्टरों समेत करीब डेढ़ दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कानपुर पुलिस से इस मामले का पूरा ब्योरा जुटाने के बाद ईडी ने सभी आरोपितों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और उनकी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।

राजधानी स्थित ईडी के जोनल मुख्यालय के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेर सिंह ने केस दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। अब ईडी जल्द ही मानव अंगों के जरिए काली कमाई से जुटाई गयी आरोतिपों की संपत्तियों को जल्द अटैच करना शुरू करेगी। ध्यान रहे कि इस मामले में पुलिस ने दिल्ली के पुष्पावती सिंहानिया हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला और फोर्टिस फरीदाबाद की को-ऑर्डिनेटर सोनिका डबास समेत करीब डेढ़ दर्जन आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

किडनी रैकेट के तार यूपी के कानपुर, लखनऊ, लखीमपुर, सुलतानपुर, नेपाल बॉर्डर के अलावा पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब समेत कई राज्यों से जुड़े थे। विगत वर्ष फरवरी माह में कानपुर के बर्रा थाने में इसका मुकदमा दर्ज हुआ था जिसके बाद जांच में सामने आया था कि इस रैकेट के जरिए कई अस्पतालों में फर्जी डोनर उपलब्ध करवाए गये। साथ ही सरकारी विभागों से एनओसी भी दिलवाई गयी। इसके बाद दिल्ली के पुष्पावती सिंघानिया हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएसआरआई) में मानव अंगों की तस्करी के मामले में डॉक्टर समेत दलालों की गिरफ्तारी की गयी। वहीं पुलिस ने रैकेट के मास्टरमाइंड लखीमपुर निवासी गौरव मिश्रा को भी गिरफ्तार कर लिया था।

गौरव मिश्रा ही नेपाल से डोनर लेकर आता था। इसके अलावा लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल शोएब अहमद कादरी के बेटे मोहम्मद गुलाम जुनैद अहमद को भी गिरफ्तार किया गया था। वह बर्रा थाने में दर्ज किडनी कांड के मुकदमे में नामजद था। जुनैद डोनर प्रोवाइड कराने के साथ उनकी काउंसलिंग और ट्रेनिंग में अहम भूमिका निभाता था। इसके अलावा गिरोह के सरगना कोलकाता निवासी टी-राजकुमार राव उर्फ राजू राव, बर्रा निवासी संजय पाल, नई बस्ती निवासी श्याम दुबे उर्फ भूरा को भी आरोपित बनाया गया था।

आरोपितों के पास से कई डोनर और मरीजों के दस्तावेज, फर्जी मोहर, स्टैंप पेपर, शपथ पत्र, एटीएम, आधार, पैन कार्ड आदि बरामद हुआ था। दिल्ली के फोर्टिस और पीएसआरआई अस्पताल से किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़ी फाइलों को बरामद किया गया था। गौरव मिश्रा ने पीएसआरआई हास्पिटल में बुलंदशहर निवासी अनिल अग्रवाल का ट्रांसप्लांट कराया था। इसके लिए लखनऊ के 18 वर्षीय शोएब अली को उनका बेटा संस्कार बताकर अस्पताल की कमेटी के सामने पेश किया गया था। शोएब से चार लाख में सौदा तय हुआ था।

किडनी कांड के आरोपित
पीएसआरआई के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला, फोर्टिस फरीदाबाद की को-ऑर्डिनेटर सोनिका डबास, कोलकाता के टी-राजकुमार राव, लखीमपुर खीरी निवासी गौरव मिश्र, जैतपुर नई दिल्ली के शैलेश सक्सेना, लखनऊ के सबूर अहमद, गंगा गंज पनकी का विक्की, विक्टोरिया स्ट्रीट लखनऊ का शमशाद अली, लखनऊ का रामू पांडेय, लखनऊ चौक का राजा, जूही लाल कालोनी के श्यामू तिवारी उर्फ श्याम, डॉक्टर केतन कौशिक, मोहित निगम, करन, संजय पाल, दुर्गापाल, श्याम दुबे उर्फ भूरा, सिप्पू राय, आसिम सकिंदर व आनंद।

सहारा न्यूज ब्यूरो
लखनऊ


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