खुलासा भी किया और एसपी ने झेला निलंबन भी
संजीत अपहरणयुक्त हत्याकांड में सीओ गोविंद नगर और बर्रा इंस्पेक्टर की लापरवाही का शिकार एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता हो गयीं।
![]() अपर्णा गुप्ता |
उन्होंने ही पूरे कांड का खुलासा करके दबिश डलवाकर सारे आरोपियों को पकड़वाया था लेकिन परिजनों का आरोप उनके खुलासे पर भारी पड़ा और उन पर कार्रवाई हो गयी। संजीत कांड में एसपी पर हुई कार्रवाई पर सूत्रों का कहना है कि एसपी साउथ फिरौती का फोन आने के बाद दिन-रात लगी रहीं और सफलता भी पायी लेकिन इसके बदले में उन्हें निलम्बित होना पड़ा।
बर्रा पांच निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। अपहरण उसके दोस्तों ईशू यादव, रामजी, नीलू सिंह और अन्य ने किया था। उन लोगों ने उसकी 27 जून को हत्या करने के बाद शव पांडु नदी में फेंक दिया था। इस मामले में एसपी साउथ अपर्णा समेत 11 पुलिस कर्मी निलम्बित किये गये।
सूत्रों का कहना है कि संजीत अपहरण कांड में एसपी साउथ द्वारा कोई कार्रवाई न करने का आरोप गलत है, उन्होंने 25 जून को ही इंस्पेक्टर को लिखित आदेश दिये थे कि संजीत की फोटो को मीडिया के जरिये प्रसारित और प्रचारित किया जाये। उनके आदेश पर 26 जून को मामले की एफआईआर भी दर्ज की गयी। एफआईआर में परिजनों द्वारा राहुल यादव पर शक जताने पर उसे पकड़ा भी गया। राहुल की सीडीआर में संजीत से बात होने की पुष्टि पर पुलिस का शक बढ़ा और राहुल पर ही फोकस रखा गया, जिसमें चार दिन बर्बाद हो गये। इसी बीच 29 जून को फिरौती का फोन आ गया। सूत्रों के मुताबिक फिरौती मांगे जाने पर मामले की गंभीरता और समय की कमी को देखते हुए एसपी ने सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता की जगह किसी तेज-तर्रार सीओ के लिए एसएसपी से कहा, जिस पर सीओ मनोज को हटाकर दूसरे सीओ की पोस्टिंग की गयी। इधर, केस की जटिलता को देखते हुए एसपी साउथ द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें थाना नौबस्ता की क्राइम टीम को शामिल किया गया। वहीं एसपी ने इंस्पेक्टर बर्रा, गोविंद नगर और नौबस्ता को भी संजीत की तलाश में लगा दिया था। एसपी ने फिरौती वाले फोन को ट्रेस कराया तो पता चला कि वह पुराना फोन है।
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