बिकरू कांड की जांच करेगी SIT
कानपुर के बिकरू गांव में विगत तीन जुलाई को हुई घटना की जांच शासन द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) से कराने का निर्णय लिया गया है।
कानपुर के बिकरू गांव में तैनात आरएएफ के जवान। |
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं एडीजी हरिराम शर्मा तथा डीआईजी जे. रवींद्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। यह एसआईटी बिकरू कांड से जुड़े विभिन्न बिंदुओं की जांच करेगी जिसमें इस प्रकरण से जुड़े अभिलेखों, स्थलीय जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी।
एसआईटी को जिन बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है उनमें पूरे अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित हैं, उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्रवाई हुई, गैंग को सजा दिलाने की कार्रवाई क्या पर्याप्त थी, इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्रवाई की गयी, एफआईआर संख्या 65/2020 में जमानत निरस्तीकरण की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी, इसके अलावा विकास दुबे के विरुद्ध कितनी जन-शिकायतें आई और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर द्वारा तथा जनपद के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गयी व पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्रवाई की गयी, इसका विस्तृत परीक्षण करना होगा।
एक साल के CDR की भी होगी जांच : विकास दुबे को राजनेताओं द्वारा संरक्षण दिए जाने के आरोपों की जांच भी एसआईटी को सौंपी गयी है। इसके लिए विकास और उसके साथियों के पिछले एक वर्ष के मोबाइल के सीडीआर का परीक्षण करना एवं उसके संपर्क में आये सभी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता के साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कड़ी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करने के निर्देश एसआईटी को दिए गये हैं।
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