कानपुर एनकाउंटर: गैंगस्टर विकास दुबे के साथी दयाशंकर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद किया गिरफ्तार

Last Updated 05 Jul 2020 12:46:15 PM IST

यूपी के कानपुर जिले के बिकरु गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के 3 दिन बाद भी गैंगस्टर विकास दुबे फरार है। हालांकि, रविवार तड़के उसका साथी दयाशंकर अग्निहोत्री को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


गैंगस्टर विकास दुबे का साथी दयाशंकर गिरफ्तार

कानपुर पुलिस ने रविवार की सुबह एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद विकास दुबे गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है, जो उत्तर प्रदेश के आठ पुलिसकर्मियों को मारने वाले हत्यारों में से एक रहा है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार के मुताबिक, 40 वर्षीय दया शंकर अग्निहोत्री को कल्याणपुर इलाके में सुबह के करीब 4.40 बजे पुलिस ने धर दबोचा।

उन्होंने कहा, "उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की टीम ने उसके पैर में गोली मार दी और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।" उसके पास एक एक देसी कट्टा और कारतूस बरामद किए गए हैं।

दया शंकर शुक्रवार को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपियों में से एक है।

पुलिस ने कहा कि अग्निहोत्री से शुक्रवार की घटना की जांच कर रही विभिन्न एजेंसियों द्वारा पूछताछ की जाएगी, जिससे केस के संदर्भ में कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं।

48 घंटे के बाद भी फरार विकास दुबे नहीं लगा पुलिस के हाथ

कानपुर में घात लगाकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद गैंगस्टर विकास दुबे को लापता हुए 48 घंटे से अधिक समय हो गया है, लेकिन राज्य पुलिस के पास अभी भी उसके ठिकाने को लेकर कोई अहम सुराग नहीं है। विकास, उसके साथियों और रिश्तेदारों के सभी फोन सर्विलांस पर लगाए गए हैं लेकिन गैंगस्टर ने अब तक किसी भी संचार उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया है।

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शनिवार रात को विकास पर इनाम को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया और उसके 18 साथियों के लिए 25,000 रुपये के इनाम घोषित किए गए हैं।

पुलिस की साठ टीम उस व्यक्ति की तलाश कर रही है, जो अब उत्तर प्रदेश में मोस्ट वांटेड है।

शनिवार को पुलिस ने बिकरू गांव में विकास के घर पर धावा बोला, जहां उसने शुक्रवार तड़के पुलिस कर्मियों की हत्या की थी। परिसर में खड़ी दो एसयूवी और दो ट्रैक्टरों को भी उसी अर्थमूवर मशीन से रौंद दिया गया, जिस पर घटना के वक्त पुलिस की टीम का रास्ता रोकने के लिए मुकदमा दायर किया गया था।



चौबेपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अफसर विनय तिवारी को स्पेशल टास्क फोर्स ने 12 घंटे तक जिरह करने के बाद शनिवार को सस्पेंड कर दिया। मुठभेड़ शुरू होने पर तिवारी घटना स्थल से फरार होते हुए पाए गए थे और साथ ही उसने पुलिस की कार्रवाई के बारे में विकास को बताया था।।

शनिवार की देर रात तक एसटीएफ द्वारा विकास के पिता राम कुमार दुबे से पूछताछ की गई, लेकिन वह बार-बार यही कहते रहे कि वारदात के वक्त विकास गांव में मौजूद नही था।

विकास के पिता ने पत्रकारों को बताया, "मेरा बेटा निर्दोष है और मैं उसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगा।राजनीतिक कारणों से उसे फंसाया जा रहा है।"

हालांकि इन सब गहमागहमी के बीच सूत्रों ने बताया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि विकास नेपाल या किसी अन्य राज्य में भाग गया है और घटना को लेकर बात आगे बढ़ने पर हो सकता है कि वह अदालत में आकर आत्मसमर्पण कर दे।

राज्य पुलिस ने विकास द्वारा अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए कोई भी कदम उठाने जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए अदालत के आसपास चौकसी बढ़ा दी

 

आईएएनएस
कानपुर


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